क्यों खदानों की नीलामी के बाद भी नई कम्पनियाँ नहीं बेच पा रहीं हैं रेत ,जाने वजह
Bhopal Newsगौतम :- राज्य सरकार के पास पड़े रेत खदानों की नीलामी तक़रीबन डेढ़ महीने हीं पहले हो चुकी हैं।इतने दिनों के बाद भी अभी तक ख़निज विभाग ने अपने पुराने साथियों को नहीं छोड़ा है। नई कम्पनियाँ अब भी खनिज विभाग के आदेश का इंतज़ार करने को मजबूर। इसके पीछे खनिज विभाग का तर्क है कि नई कम्पनियों या ठेकेदारों को अनुमति देने के बाद शायद रेत के दामों में उछाल आ जाए। परन्तु मुख्यमंत्री कमलनाथ के रेत की कीमतों पर नियंत्रण रखने के सख्त आदेशों को लेकर खनिज विभाग भारी दुविधा में है।
नई कंपनियों को क्या जवाब दे
सरकार की नई रेत नीति के बाद रेत खदानों की नीलामी 26 नवंबर को हुई थी। ठेके देने के बाद सिक्योरिटी डिपाॅजिट के 614 करोड़ जमा हो चुके हैं।खनिज विभाग 43 जिलों के लिए 43 रेत समूहों को रेत निकालने का काम सौंपेगा।पहले टेंडर में 5 जिलों को छोड़कर 39 जिलों के लिए ठेकेदार कंपनी चुनी गई है।कंपनियों को रेत निकालने के लिए आशय पत्र की आवयश्कता होती है जिसे अभी भी सम्बंधित विभाग जारी नहीं कर पाया है। ऐसे में पुराने ठेकेदारों के पास अभी भी रेत निकालने और बेचने के अधिकार हैं। बहरहाल विभाग दुविधा में है कि रेत निकालने के लिए दबाव बना रही नई कंपनियों को अब क्या जवाब दें?
मुख्यमंत्री का सख्त रवैया
सीएम ने दो दिन पहले खनिज विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री प्रदीप जायसवाल व अफसरों को कहा था कि नए ठेकों के बाद रेत की कीमतें नहीं बढ़ना चाहिए।