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पहले "विधायकों को बंधक" बनाओ, फिर उसने मिलने मत दो, यह "लोकतंत्र का भ्रष्ट चेहरा" है – जीतू पटवारी

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापठक के बीच शुक्रवार को बेंगलुरु गए कमलनाथ सरकार (Kamalnath Sarkar) के मंत्री जीतू पटवारी (Jitu Patwari) भोपाल लौट आए हैं। इस दौरान मीडिया ने जीतू पटवारी से बात की, साथ ही जानने की कोशिश करी, क्या राज्य में सरकार टिक पाएगी? इस पर जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने जवाब दिया की हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं हैं। कांग्रेस के सभी बागी विधायक भी फ्लोर टेस्ट के दौरान पार्टी के पक्ष में ही रहेंगे। उन्होंने बताया की बेंगलुरु जाने वाले विधायक बिके नहीं हैं। वे हमारे परिवार के सदस्य हैं। कांग्रेस के साथ आएंगे। अभी जब फ्लोर टेस्ट होगा, तब पता चलेगा कि बहुमत से ज्यादा बहुमत कांग्रेस के पास हैं। हमारी सरकार 5 साल तक चलेगी। 

अपने समर्थकों को छोड़ खुद बीजेपी में चले गए सिंधिया 

वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बीजेपी में जाने को लेकर उन्होंने कहा की वो तो बीजेपी में चले गए, अब राज्यसभा में जाकर मंत्री भी बन जाएंगे। लेकिन अब उनके समर्थक विधायक घबराए हुए हैं। उनके समर्थक विधायकों के मन में ये डर है कि वे जो चुनाव जीतकर आए हैं, अब उनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा? ये सवाल विधायकों के मन में उठ रहे हैं। 

बीजेपी पर साधा जमकर निशाना

इसके अलावा मंत्री जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने बेंगलुरु में हुए घटनाक्रम के बारे में भी जानकारी दी। जीतू पटवारी ने बताया कि बेंगलुरु में उनके साथ गए एक अन्य विधायक और बागी MLA के पिता के साथ सिर्फ धक्का-मुक्की ही नहीं हुई, बल्कि अभद्रता की गई। उन्होंने बताया की मुझे, विधायक लाखन सिंह और MLA मनोज चौधरी के पिता को उनके बेटे से नहीं मिलने दिया गया। 

जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने आगे बीजेपी के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा, 'विधायकों को बंधक बनाओ, उनके परिवारवालों से उन्हें मिलने मत दो और पुलिस का दुरुपयोग करो…, इस तरह के वीडियो देखने को मिले हैं। यह लोकतंत्र का भ्रष्ट चेहरा हैं। 

गौरतलब है कि शुक्रवार को भोपाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) समर्थक विधायकों के बेंगलुरु से लौटने का इंतजार किया जा रहा था। इसी बीच उनके न आने की खबर आई। बताया जा रहा है कि ये विधायक भोपाल न आते हुए वापस बेंगलुरु स्थित रिजॉर्ट में पहुंच गए। हालांकि ऐसा क्यों हुआ इसके कारणों का पता अभी नहीं चल सका हैं।

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