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"नाथ" से अलग होकर सिंधिया हुए "कमल " के

 दिल्ली : कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आज मध्य प्रदेश के महाराज कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है
आपको बता दें कि सिंधिया के इस्तीफा देने के बाद से मध्य प्रदेश की सियासी उथल-पुथल में तेजी आई है| सिंधिया खेमे के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है तो वही कमलनाथ सरकार यह दावा कर रही है कि फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस बहुमत साबित कर देगी |
बीजेपी के इस ओप्रेशन को किसने अंजाम दिया !
अंग्रेजी वेबसाइट आउटलुक के मुताबिक मध्य प्रदेश में मचे सियासी उथल-पुथल के पीछे बीजेपी के प्रवक्ता जफर इस्लाम का हाथ है। ऐसा दवा किया जा रहा है की जफर ने ही सिंधिया को कांग्रेस से नाता तोड़ बीजेपी खेमे में लाने में अहम भूमिका निभाई है। 
रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा ही की पिछले 5 महीनों से जफ़र और सिंदिया एक दूसरे से मिल रहे थे ,ऐसा भी दावा किया जा रहा कि ज़फर इस्लाम सिंधिया के बेहद करीब माने जाते हैं। ज़फर ने हर मीटिंग के इनपुट्स बीजेपी हाई कमान से शेयर किये थे ,जिसके बाद ही ओप्रेशन लोटस चलाया गया। आपको बता दें कि  प्रधानमंत्री से सिंधिया की मुलकात के वक़्त भी ज़फर 7, लोक कल्याण मार्ग पर मौजूद थे। 
आपको बता दे कि बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी, तो मध्य प्रदेश में हड़कंप मच गया है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए। जिस वजह से कमलनाथ सरकार सत्ता खोने की स्थिति में आ गयी है। सिंधिया के बागी तेवर के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने की कगार पर है।

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