गरीब लोगों के लिए भोपाल के जावेद बने फरिश्ता, पत्नी के ज़ेवर को बेच ऑटो में लगाया ऑक्सीजन, फ्री में कर रहे हैं लोगों की मदद
- गरीब लोगों के लिए भोपाल के जावेद बने फरिश्ता,
- पत्नी के ज़ेवर को बेच ऑटो में लगाया ऑक्सीजन,
- फ्री में कर रहे हैं सेवा
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:- मानवता देश में आज भी जिंदा है, इसकी मिसाल लगातार पेश होती रही है. भोपाल के जावेद ने एक बार फिर से मानवता की मिसाल पेश की है.
कोरोना के इस अपार संकट के समय में 200-300 रोज कमाने वाले ऑटो चालक जावेद ने लोगों की मदद करने की ठान ली. संकट में मरीजों को फ्री सेवा देने के लिए उन्होंने अपने ऑटो को एंबुलेंस में तब्दील कर लिया. वह अपने पैसों से ऑटो में ऑक्सीजन लगाते रहे और मरीजों को free सेवा देते रहे.
जावेद सिर्फ प्रदेश के नहीं बल्कि पूरे देश के नजीर बन गए हैं. जब जावेद को ऑटो चलाने ऑक्सीजन के लिए पैसे की कमी पड़ने लगी तो उन्होंने अपनी पत्नी के जेवर तक बेच दिए. जावेद ने ठान रखा था कि वो उन लोगों की मदद करेंगे जिनके पास पैसे नहीं है जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और कोरोना महामारी भी उनकी कमर तोड़ रही है.
जावेद भोपाल के बाग फरहतवजा में रहते हैं. उन्होंने अपने ऑटो में ही ऑक्सीजन सिलेंडर रखा है. इसके अलावा संक्रमण से बचने के लिए उन्होंने अपने ऑटो में प्लास्टिक की शीट भी लगाई है. इसके साथ ही सैनिटाइजर का भी ऑटो में इंतजाम किया है.
अपने ऑटो को चलते-फिरते एंबुलेंस में तब्दील कर जावेद खान नाम का यह शख्स अब तक 8-10 लोगों की जान बचा चुका है।जावेद कहते हैं कि उन्हें उधार लेकर ये काम करना पड़े तो भी उन्हें कोई दुख नहीं होगा।
3 दिन में ही 10 से ज्यादा लोगों की जान बचाने में की मदद :-
जावेद पिछले तीन दिन में ही कम से कम 10 लोगों की जान बचाने में मदद कर चुके हैं। उनसे मदद ले चुकी सुलेखा प्रभावलकर ने बताया कि 26 अप्रैल को उन्हें अपने पति को अस्पताल लेकर जाना था। पति की तबीयत खराब थी और कोई एंबुलेंस नहीं मिल रहा था। उन्होंने जावेद खान से संपर्क किया और वे अपनी ऑटो एंबुलेंस लेकर हाजिर हो गए। उन्हें बेड के लिए कई अस्पतालों में भटकना पड़ा। जावेद लगातार उनके साथ रहे और कोई पैसा भी नहीं लिया। सुलेखा बताती हैं कि पति के ठीक होकर लौटने पर वे जावेद का शुक्रिया अदा करने उनके घर जाएंगी