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जबलपुर: दाने-दाने को तरस रहे ग़रीब, यहां सरकार के नुमाईंदो ने सड़ा दिया करोड़ों का अनाज 

जबलपुर: दाने-दाने को तरस  रहे ग़रीब, यहां सरकार के नुमाईंदो ने सड़ा दिया करोड़ों का अनाज 
ओपन कैप गोसलपुर का मामला :बारिश से खराब हो गई धान, सुरक्षा में लापरवाही,जिम्मेदारों पर जांच की मांग, लापरवाहों पर हो उच्च स्तरीय कार्यवाही

द लोकनीति डेस्क जबलपुर (सिहोरा )
जिला विपणन संघ के अधीन संचालित ओपन कैंप गोसलपुर में पिछले वर्ष शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी गई धान की बोरियों की छल्ली  लगाकर स्टेक जमा कर भंडारित किया गया था।  परंतु विपणन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण यहां पर भंडारित धान बड़ी मात्रा में खराब हो गई। जहा एकतरफ़ दाने-दाने को  प्रदेश में ग़रीब तरस रहे है वही सरकार के नुमाइंदे करोड़ो के अनाज को पानी -पानी कर रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज जो अपने आप को किसान पुत्र तो कहते है, लेकिन उन्हीं के किसानों की ख़ून पसीने से सींचा हुए अनाज को किस तरह उनके अधिकारी बर्बाद कर रहे यह देखा जा सकता है। ख़ैर इस देश का किसान इतना स्वार्थी नहीं होगा कि पैसे मिलने के बाद उसका मेहनत का अनाज ऐसा सड़ाया जाए और उसकी आत्मा न दुखे। फ़िलहाल भोपाल से मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा कि जिसमें गरीबों के लिए 1 रूपये किलो गेहूं , 1 रूपये किलो चावल और 1 रूपये किलो नमक़ दिया जाएगा। लेकिन क्या ये अपनी जेब से दे रहे हैं ,बिल्कुल नहीं ! ये हमारी और आपकी जेब से दिया जाएगा , क्योंकि हम सरकार को टैक्स देते हैं। लगातार यह खेल चलता रहता है ,सरकारें बदलती रहती हैं  लेकिन उनका रवैया और गंदी नियत ज्यों की त्यों बनी रहती है।

क्या है नियम
नियमानुसार ओपन कैमरा में भंडारित होने वाले अनाज की स्टैकिंग करवा कर स्टेट को प्लास्टिक कवर कैप से अच्छे ढंग से ढककर रखने के बाद उसे चारों तरफ से अच्छी तरह कवर कर रखना चाहिए।  तूफान में यह कबर न उड़े , बारिश से अनाज की बोरियां गीली न हो। परंतु नियमों को ताक में रखकर हद दर्जे की लापरवाही कर धान  बारिश में भीग गई ,धीरे-धीरे धान बर्बाद होने लगी।  स्टेक में जमी धान की बोरियां देखकर दूर से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बारिश की वजह से खराब हो गई है।  इतनी बड़ी मात्रा में खराब हो रही धान की चिंता ओपन कैंप में पदस्थ कर्मचारियों को नहीं है। ऐसा लगता है कि  जिले के विपणन अधिकारी आपस में मिलीभगत कर खुद शासन को करोड़ों का चूना लगा रहे है। 

 

धड़ल्ले से हो रही चोरी: ओपन कैप में रखी धान की बोरी अनेक जगह से खराब होकर गिर चुकी है जिससे स्पष्ट यह नजर आता है कि ओपन कैंप से धान चोरी हो रही है।  यहां सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही और सांठगांठ से धान की चोरी भी हो रही है।   दिन भर मवेशी ओपन कैंप में घुसकर धान खाते हैं सुरक्षा की दृष्टि से ओपन कैंप में तार बाउंड्री की गई थी, जो जगह-जगह से  टूट चुकी है।  जिससे मवेशी  बड़ी आसानी से ओपन कैप के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और यहां पर पदस्थ सुरक्षाकर्मी आराम फरमाते नजर आते हैं कई मवेशी यहां की अनाज खाकर मौत को गले लगा चुके हैं। 

 

पिछले वर्ष भी सड़ गई थी करोड़ो की धान,  स्थिति ज्यों की त्यों: पिछले वर्ष भी इसी ओपन कैप में बड़ी मात्रा में बारिश होने के कारण खुले में पड़ी धान खराब हुई थी। जिसकी तस्वीरें वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुई थीं। भाजपा नेताओ ने इसकी शिकायत करते हुए जांच की मांग का ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा था।  परंतु कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई। वही स्थिति इस वर्ष भी निर्मित हो गई है।

कहीं घपले की नियत तो नहीं : सूत्रों की माने तो इस वर्ष बारिश के मौसम के पहले धान के स्टेट से कवर अलग जानबूझकर किया गया।  जिससे धान का वजन बढ़ जाए और चोरी करने में आसानी हो।  बारिश में धान भीगने का बहाना बताकर शासन की आंखों में धूल झोंक कर घोटाला किया सके। ज्ञात हो कि ओपन कैंप गोसलपुर में डीएमओ कार्यालय की ओर से कैंप में भंडारित धान की देखभाल करने के लिए डेढ़ दर्जन सुरक्षाकर्मी,  ओपन कैंप प्रभारी तैनात हैं , फिर भी लापरवाही व अनदेखी के कारण धान खराब हो रही है।  जिससे यहां पर पदस्थ कर्मचारियों की लापरवाही व कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है।  संभावित विभाग के अधिकारी  सिर्फ खरीदी प्रक्रिया के दौरान भ्रमण करने आते हैं और भंडारित अनाज की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता जिससे अनाज चोरी हो रहा है और खराब होकर सड़ रहा है। 

 क्या कहते हैं जिम्मेदार

ओपन कैप में रखी धान खराब हुई है इसकी जानकारी है प्रतिवेदन बनाकर भेजा गया है, जिस पर कार्रवाई चल रही है।
   चंद्र प्रताप गोहिल, एसडीएम सिहोरा

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