इंदौर : शासन के आदेश को ताक पर रखकर स्कूल वाले कर रहे हैं फीस की मांग, पढें पूरी ख़बर
इंदौर। शासन के आदेश के बाद भी इंदौर के कई सीबीएसई स्कूल पालकों पर न सिर्फ फीस का दबाव बना रहे हैं बल्कि स्कूल के वाट्सअप ग्रुप से बाहर कर उन्हें शर्मिंदा भी किया जा रहा है। कई पालकों ने इसकी शिकायत स्कूल प्रबंधन को भी की है। गुरुवार को पालकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत करते हुए डीपीएस स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करने की गुहार लगाई। दिल्ली पब्लिक स्कूल निपानिया व राऊ के 50 से ज्यादा अभिभावकों ने शिकायत की कि प्रबंधन द्वारा ऑनलाइन क्लास की आईडी ब्लॉक की जा रही है। स्कूल द्वारा फीस के लिए लगातार तगादा लगाया जा रहा है। स्कूल द्वारा लगातार इस बात के लिए फोन किए जा रहे हैं कि जो पालक फीस जमा नहीं कराएंगे उनके बच्चों के नाम भी काट दिए जाएंगे। जबलपुर हाईकोर्ट के द्वारा ये निर्देश दे दिया गया है कि दिशा-निर्देश तय न होने की स्थिति तक बच्चों के नाम नहीं काटे जा सकते। आश्चर्य इस बात का है कि स्कूल शासन के निर्देशों का माखौल उड़ाते हुए मनमानी पर आमादा हैं और लॉकडाउन से परेशान पालकों पर अनावश्यक दबाव डालने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।
स्कूल प्रबंधन के भय से आतंकित पालकों ने बताया कि 20-20 मिनट तक स्कूल के लोगों के द्वारा फोन पर मानसिक यंत्रणा दी जाती है। कई पालकों ने मार्च माह में ही एनुअल फीस व अन्य मदों में बड़ा अमाउंट जमा कर दिया था। अब जब शासन के निर्देशों के तहत फीस का समायोजन करने की बात पालक कर रहे हैं तो उन्हें स्पष्ट तौर पर मना कर दिया गया। आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे पालक जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत करने पहुंचे लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन उन्हें नहीं दिया गया। पालकों का कहना है कि कोई समस्या हल न होने पर उन्हें मजबूरन शिकायत दर्ज करवाना पड़ी । पालकों ने उपभोक्ता फोरम पर भी इसकी लिखित शिकायत की है।
*यह है पूरा मामला*
शिकायतकर्ता डॉ. संदीप कड़वे व अन्य पालकों ने बताया कि 24 मार्च सरकार और प्रशासन द्वारा घोषित लॉकडाउन के कारण स्कूल पूरी तरह बंद है। डीपीएस राऊ ने लॉकडाउन के दौरान पूरे समय स्कूल बंद रखा है एवं शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए फीस एडवांस में मार्च 2020 में जमा करवा ली जिसमें एनुअल फीस, ट्यूशन फीस, मेस फीस एवं बस फीस शामिल है। स्कूल ने पालकों से पूछे बिना ही अप्रैल माह में कुछ दिनों के लिए जूम एप पर और समर वेकेशन के बाद माइक्रोसॉफ्ट टीम्स पर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करवाई गई | इसमें पालकों से कोई स्वीकृति नहीं ली गई यानी ये कक्षाएं स्कूल ने अपने स्वार्थ को प्राथमिकता देते हुए शुरू किए है, न की स्टूडेंट के हित के लिए। बाद में कक्षा एक से 5 तक ऑनलाइन क्लासेज नहीं लेने के सरकारी आदेश के कारण स्कूल के द्वारा विडियो के माध्यम से क्लासेस लेने की कोशिश की गई, जो की इतने छोटे बच्चे के लिए बिलकुल भी उपयुक्त नहीं थी। हमारे बच्चे उन वीडियो से कुछ भी समझ नहीं पा रहे हैं। माह जुलाई में स्कूल द्वारा द्वितीय क्वार्टर की फीस जमा करने के लिए हमारे पास मैसेज एवं फोन आए एवं फीस जमा नहीं करने पर ऑनलाइन क्लासेज बंद कर दी जाएगी, ऐसा कहा गया।
*फीस नहीं दी तो आईडी ब्लॉक*
जवाब में हमने स्कूल से निवेदन किया कि जो वार्षिक फीस, बस फीस और मेस फीस हमारे द्वारा मार्च माह में दी गई है, उसे अभी एडजस्ट कर दीजिए। कोविड-19 के कारण हमारी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि हमारा जो पैसा पहले से स्कूल में जमा है, उसे छोड़कर और पैसा जमा करवा सके। इस पर हमें स्कूल प्रबंधन से जवाब मिला कि वो पैसा तीसरे क्वार्टर में जमा होगा और आपको फीस भरना पड़ेगी, चाहे तो आप मासिक रूप से जमा कर दें | 23 जुलाई को हमारे बच्चों के माइक्रोसॉफ्ट आईडी ब्लॉक हो गया और पूछने पर जवाब मिला आपने फीस नहीं भरी है इसलिए ऐसा किया गया है आप फीस भर दीजिये शुरू हो जायेगा।