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किसान आंदोलन: सरकार और किसान के बीच आज हो सकती है अंतिम वार्ता, विज्ञान भवन पहुंचे किसान

किसान आंदोलन: सरकार और किसान के बीच आज हो सकती है अंतिम वार्ता, विज्ञान भवन पहुंचे किसान
नई दिल्ली/राजकमल पांडे।
हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्यों से आए किसान कृषि कानून रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले 51 दिनों से दिल्ली की सीमा पर अनशन कर चुके हैं. इस अनशन में अब तक 121 किसान आंदोलन जुडे किसानों ने दम तोड़ दिया है, पर अखबार और चैनल 50 से 60 किसानों की मृत्यु का आकड़ा दर्शा रहे हैं. मगर इस सब से फर्क नही पड़ता क्योंकि जिन किसानों ने आंदोलन में जान गवाई है उनके परिवारजनों को मरने से फर्क पड़ता है. 
किसानों से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही थी कि सुप्रीम कोर्ट कृषि कानून की समीक्षा हेतु जिन चार सदस्यीय टीम का गठन किया था उसमें एक नाम भूपिन्दर सिंह मान भी था जोकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया है. हालांकि इस पर किसानों ने कहा कि हम तो किसी भी समीक्षा के लिए तैयार नही और हमारी एक ही मांग है कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं, पर हम कृषि कानून की समीक्षा के लिए समहत नहीं हैं. पर इस के बाद कमेटी 19 जनवरी को किसानों के साथ बैठक कर सकती है.
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार और किसान नेताओं के बीच आज 10 वें दौर की बातचीत होने जा रही है. किसान और सरकार के बीच यह शायद अंतिम वार्ता हो सकती है, किसान, सरकार से बात करने के लिए विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. वहीं किसानों का कहना है कि हमें पूरी उम्मीद है पर इसे पूरा सरकार को करना है. हम सिर्फ कृषि कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं, व साथ ही हमारी फसलों को ‘‘एमएसपी’’ की कानूनी गारंटी मिले. 
साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरूवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के अलावा कुछ मंजूर नहीं है. जिसके बाद किसानों के हौसले आंदोलन को आगे चलाने के लिए और बढ़. पंजाब कैबिनेट ने केन्द्र से किसानों के लिए ‘‘एमएसपी’’ को वैधानिक हक दिए जाने की मांग की है.
 

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