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इंदौर मेयर पद BJP उम्मीदवार: टिकट के लिए मारामारी, कैलाश विजयवर्गीय के सबसे करीबी विधायक का नाम आगे

मध्यप्रदेश/इंदौर – इंदौर को बीजेपी का गढ़ कहा जाता हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां बीजेपी सांसद पद पर करीब 32 साल से और महापौर पद पर 20 साल से काबिज हैं। मजबूत गढ़ होने से बीजेपी में टिकट के लिए मारामारी हैं। हर कोई टिकट पाना चाहता हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि मेयर पद की दावेदारी में सबसे आगे भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के सबसे करीबी विधायक रमेश मेंदोला का नाम आगे चल रहा हैं।

बता दे कि भाजपा भी अब तक इंदौर नगर निगम में मेयर पद के लिए विधायक पर ही दांव लगाती आई हैं। ऐसे में तीन बार के विधायक रमेश मेंदोला का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा हैं। पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के करीबी मेंदोला इंदौर में भाजपा के लिए सबसे बड़ा चेहरा माने जाते हैं। इस नगर निगम की खासबात यह है कि कोई न कोई विधायक ही यहां का महापौर बनते आया हैं। कैलाश विजयवर्गी हो या मालिनी गौड़, दोनों ही विधायक रहते हुए महापौर बने। वर्तमान में मालिनी गौड़ इंदौर-4 सीट से विधायक हैं। 

वहीं, बीजेपी में उम्मीदवार को लेकर चल रहे मंथन को लेकर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने तंज कसा हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को महापौर का प्रत्याशी ही नहीं मिल रहा है, इसलिए बीजेपी चाहे तो अपने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को महापौर का चुनाव लड़वा दे। उन्हें भी इस बार संजय शुक्ला के सामने मुंह की खानी पड़ जाएगी। 

इस से पहले कांगेस ने इंदौर निगम चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया हैं। कांग्रेस ने विधायक संजय शुक्ला को उम्मीदवार बनाया हैं। 20 साल से इंदौर नगर निगम पर काबिज भाजपा को पछाड़ने के लिए कांग्रेस ने कद्दावर नेता संजय शुक्ला को मैदान में उतारा हैं। संजय शु्क्ला का सभी नेताओं और लोगों के साथ अच्छा तालमेल हैं। जबकि संजय के पिता भाजपा के बाहुबली नेताओं में माने जाते हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस के बाद यदि बीजेपी भी मेयर पद के लिए के किसी विधायक के नाम की घोषणा करती है, ऐसे में इस बार पूरी संभावना है कि संजय शुक्ला और रमेश मेंदोला में मुकाबला होगा। इसलिए दोनों में से जो भी जीते विधायक ही महापौर बनेगा।

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