2 दिनों में सरकार ने अपना फैसला पलटा, आगामी चुनाव तक सरपंच भूतपूर्व ही रहेंगे!
भोपाल/प्रियंक केशरवानी:- मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव होने थे लेकिन वह किसी न किसी कारणों से रद्द कर दिए गए थे, जिसके बात राज्य सरकार ने पंचायत के संचालन की जिम्मेदारी प्रधान प्रशासकीय को दे दी थी लेकिन दो ही दिन बाद यह जिम्मेदारी फिर से वापस ले ली गई। इसमें सरपंचों को वित्तीय अधिकार भी दिए गए थे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने फैसले को निरस्त कर दिया था।
पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद आयोग ने प्रधान विभागों को वित्तीय संचालन दे दिए थे लेकिन 4 जनवरी को आदेश जारी कर सरपंच और सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से बैंक खतों का संचालन का अधिकार दिया था। जनपद और जिला पंचायत स्तर पर भी यही व्यवस्था लागू की गई थी।
राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी की थी, लेकिन ये भी नहीं हो पाए। आदर्श आचार संहिता भी समाप्त हो चुकी है। पंचायतों में कार्य प्रभावित न हो इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पूर्व सरपंच की ही प्रधान बनाकर अधिकार दिए है।