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और कितने झूठ बोलेगा हमीदिया अस्पताल प्रबंधन?? अधीक्षक बोले कुछ तो डॉक्टर-नर्स ने कहा कुछ, हुआ पर्दाफाश

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – राजधानी भोपाल के सबसे बड़े अस्पताल हमीदिया के कोविड वॉर्ड में बीती शुक्रवार को 2 घंटे तक बिजली गुल रही थी। आरोप है कि इस दौरान पॉवर बैकअप की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। इसी दौरान 3 मरीज़ो की मौत हो गई। जिसमें से एक मरीज़ कांग्रेस के पूर्व पार्षद अब्दुल रहीम भी शामिल हैं। अब इस मामले में कई झूठो का पर्दाफाश हो रहा हैं। दरअसल, शुक्रवार को हुई इस घटना के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच का आदेश दिया थे। 

गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को मिली क्लीनचिट 

भोपाल कमिश्नर कवींद्र कियावत ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज दी हैं। इस रिपोर्ट में उन्होंने गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को क्लीनचिट दी हैं। उन्होंने बिजली गुल होने के कारण किसी भी मरीज की मौत से इनकार किया हैं। उन्होंने दावा किया कि जब कोविड वॉर्ड में बिजली गुल हुई तो बैकअप इक्विपमेंट काम कर रहे थे। कोविड-19 वॉर्ड में दी जा रही सेवाएं बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही का मामला नहीं हैं। 

अधीक्षक बोले कुछ तो डॉक्टर-नर्स ने कहा यह 

शनिवार को आई संभागायुक्त की रिपोर्ट में कहा गया है कि बायो मेडिकल इंजीनियर वैभव जैन ने आइसीयू में जाकर देखा था तो वेंटिलेटर चल रहे थे। इनके चलते-चलते ही बिजली की सप्लाई शुरू हो गई थी। लिहाजा, मरीजों की मौत वेंटिलेटर बंद होने से नहीं हुई हैं। हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आइडी चौरसिया ने कहा कि सभी वेंटिलेटर नए हैं, उनमें दो घंटे तक पॉवर बैकअप हैं। जबकि डॉक्टर-नर्स का कहना है कि 15 मिनट में ही बैकअप बंद हो गया। ऐसे में उनके बयान लिए जाते तो गड़बड़ी उजागर होती। 

इसके अलावा जांच रिपोर्ट में 70 साल के अब्दुल रहीम को हार्ट डिसीज के अलावा डायबिटीज का रोगी भी बताया गया

इधर, उनके बेटों ने सरकारी जांच रिपोर्ट को झूठी बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी डायबिटीज की शिकायत नहीं रही और न ही उन्होंने कभी डायबिटीज की दवा ली। लतीफ और याकूब ने बताया कि 10 और 11 तारीख को उनकी फोन पर अपने पिता से बात हुई थी। डॉक्टरों ने भी बताया था कि उनकी तबीयत सुधर रही हैं। अगले तीन चार दिनों में उन्हें छुट्टी मिल जाएगी। लतीफ ने बताया कि जिस दिन बिजली गुल हुई, वे अस्पताल के बाहर ही थे। वहां अफरा-तफरी मची थी। अस्पताल से फोन आया कि अब्दुल रहीम की तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ेगा। लतीफ का कहना है कि उसी दौरान पिताजी की सांसे उखड़ गई थी लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इसे दबाने के लिए हमसे झूठ बोला था। हमें रात में 2 बजे बताया गया कि उनकी मौत हो गई हैं।

जनरेटर में बढ़ गया डीजल, कैसे??

कोविड ब्‍लॉक को बिजली सप्लाई करने वाले जनरेटर के शुक्रवार को खराब होने के बाद सील कर दिया गया था। जनरेटर की मरम्मत के लिए जिम्मेदार पीडब्ल्यूडी के निलंबित उपयंत्री राकेश बड़वे ने बताया था कि गेज से नापने पर जनरेटर में 250 लीटर डीजल मिला है, जबकि रजिस्टर में 240 लीटर दर्ज था। घटना के दिन ही जनरेटर को सील कर दिया गया था। रविवार को नापतौल विभाग, पीडब्ल्यूडी और हमीदिया अस्पताल के अधिकारियों की मौजूदगी में सील खोलकर जांच की गई तो 306 लीटर डीजल निकला। सवाल यह है कि डीजल बढ़ कैसे गया।

बता दे कि शुक्रवार को उस समय हमीदिया अस्पताल की हकीकत सामने आई जब यहां कोरोना यूनिट की बिजली गुल हो गई। बिजली गुल होते ही यहां चीख-पुकार मच गई। जानकारी के मुताबिक, शाम 5:48 बजे बिजली गुल हुई थी, जो दो घंटे बाद 7:45 बजे वापस आई। इस दौरान कोरोना वार्डों में कुल 64 मरीज भर्ती थे। इनमें से 11 गंभीर मरीजों को आईसीयू वार्ड में रखा गया था।

बिजली गुल हो जाने के बाद इमरजेंसी बैकअप का सहारा लिया गया, लेकिन महज 10 मिनट में वह भी बंद हो गया। कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की मशीनें बंद हो गई। हाईफ्लो सपोर्ट पर चल रहे दो मरीजों की हालत बिगड़ गई। उनको वेंटिलेटर पर लिया, सीपीआर भी दिया गया। बावजूद इसके कांग्रेस से पार्षद अकबर खान के साथ साथ दो और लोगो की जान चली गई।

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