37 साल बाद पीड़ितों में जगी न्याय की उम्मीद: अमेरिकी संसद में 12 सांसदों ने भोपाल गैसकांड को लेकर यूएस न्याय विभाग को लिखा पत्र

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की वो काली रात, जिसको याद कर हर व्यक्ति डर कर सहम जाता है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं 2 दिसंबर 1984 की रात, जिसकी याद आते ही दिल ठहर जाता है। ये वो अंधेरी रात थी जिसे कोई भी व्यक्ति आज तक भुला नहीं पाया। और आज भी उसका दर्द सीने में लेकर चल रहा है। आज भी लोग न्याय की आस लिए बैठे हैं। इसी कड़ी में 37 साल के बाद भोपाल गैस पीड़ितों को न्याय की उम्मीद जाग उठी है। पहली बार अमेरिकी संसद में भोपाल गैसकांड का मामला उठा है। जिस पर राजधानी में 3 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होगी।
गैस कांड की दोषी कंपनी डाउ केमिकल के खिलाफ पहली बार उसी के देश अमेरिका की संसद में कार्रवाई के लिए आवाज उठी है। रशीदा तलीब के नेतृत्व में वहां के 12 सांसदों ने यूएस न्याय विभाग को पत्र लिखकर डाउ केमिकल के खिलाफ आपराधिक समन जारी किया जाए की मांग की हैं। पत्र में लिखा कि एक आपराधिक कंपनी को संरक्षण नहीं देना चाहिए। बेगुनाहों की मौत और हजारों प्रभावितों को न्याय मिले, इसलिए जरूरी है कि कंपनी पर मुकदमा चलाया जाए।’ 12 सांसद ने डाउ केमिकल पर मुकदमा चलाएं जाने की बात कही है। वहीं 3 अक्टूबर को राजधानी भोपाल में मामले की सुनवाई होनी है। पत्र में उल्लेख किया है कि भारत सरकार ने अगस्त 2014 से 7 बार कंपनी को भारत की अदालतों में पेश होने के लिए समन भेजा, पर एक बार भी इस मामले में हमारी (अमेरिका) सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।