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मध्यप्रदेश में प्याज़ की मारामारी। अब जबलपुर की बारी 

जबलपुर /भोपाल:- प्रदेश में चल रही प्याज़ की लगातार मारामारी से जबलपुर शहर भी चपेट में आ गया है। अभी ताज़ा खबर यह आ रहीं हैं की जबलपुर  में सस्ती प्याज की  सरकारी दुकाने बंद कर दी गई हैं। 
पिछले कुछ दिनों से हम देख रहे की प्याज़ की कीमते मार्केट में  उछाल मार रही है, जी हाँ मध्य प्रदेश की राजधानी  भोपाल में प्याज़ का  भाव 120  रूपए किलो चल रहा है।  हालाँकि जनता को राहत दिलाने के लिए सरकार ने स्टाल में प्याज़ 80  रूपए के हिसाब से जनता को उपलब्ध कराई,परन्तु अब वह दुकाने भी बंद होने की वजह से जनता की दिक्क़ते और भी बढ़ना लाज़िमी है। 
मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों में प्याज़ की कीमते आसमान छू रही है। जिससे जनता ने प्याज़ की खरीदी आधी या कह सकते है आधी से कम कर दी है। 
इसी बीच जबलपुर की जनता भी प्याज़ के दामों से काफी निराश है, शहर में कृषि उपज मंडी की दुकान पर जिला प्रशासन ने आम आदमी के लिए प्याज बिक्री का स्टाल लगाया था। वहा प्याज की जगह बारदानों की बिक्री शुरू हो गई है, इसे देखकर तो यहीं कहा जा सकता है कि प्याज के आगे प्रशासन भी हार मान गया है। अभी आज जबलपुर में प्याज़ का भाव 90 रूपए किलो चल रहा है।

 

कुछ समय पहले जनता को राहत देने के उद्देश्य से 11 नवंबर को प्रशासन ने अच्छे क्वालिटी का प्याज़ 52 रूपए किलो के हिसाब से जनता को दिया था।  जिससे जनता काफी खुश भी थी, लेकिन प्याज़ के रेट अचानक ऐसे बढे कि प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर दिए। जिसके चलते जनता भी काफी नाखुश है स्पष्ट है कि प्याज़ पर प्रशासनिक कड़ाई से भी कोई कंट्रोल नहीं हो रहा है और वही व्यापारियों का इस बारे में यह कहना है कि हम चाह के भी जनता की मदद नहीं कर सकते।  क्योकि प्याज़ के आवक दाम ही इतने ज़्यादा है कि जनता को सस्ती प्याज़ पहुचाना मुमकिन ही नहीं है और साथ ही व्यापारियो यह भी कहना है कि प्याज़ की कीमतो में यह तेजी करीब 1 माह तक लगातार जारी रहेगी, हालांकि इसके बाद वापस सामान्य दरों पर प्याज की बिक्री शुरू हो जाएगी।

हम कह सकते है कि प्याज़ के अचानक बढे रेट से प्याज़ और किचन की दूरी अब भी बरकरार है, प्याज़ की खरीद कम करने में जनता मजबूर हो गयी है और आम जनता प्याज़ के दामों के गिरने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है   

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