गोपाल भार्गव ने कहा कमलनाथ बनाना चाहते हैं आदिवासियों को ईसाई, जानिए क्यों कही ऐसी बात

भोपाल / गरिमा श्रीवास्तव :- गोपाल भार्गव(Gopal Bhargava) ने एक बार मुख्यमंत्री कमलनाथ(Kamalnath) निशाना साधा है। अपने ट्वीट के माध्यम से गोपाल भार्गव ने कहा कि कमलनाथ प्रदेश के आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनाना चाहते हैं। वे श्रीमती सोनिया गांधी के इशारे पर काम कर रहे हैं। पहले भी सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) के साथ बहुत खिलवाड़ हो चुका है और कमलनाथ जी अब इस खिलवाड़ को बंद करें। धर्मांतरण को रोकने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री @OfficeOfKNath प्रदेश के आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनाना चाहते हैं। वे श्रीमती सोनिया गांधी के इशारे पर काम कर रहे हैं। पहले भी सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) के साथ बहुत खिलवाड़ हो चुका है और कमलनाथ जी अब इस खिलवाड़ को बंद करें। धर्मांतरण को रोकने की जरूरत है। pic.twitter.com/7hdxZ1QJ4x — Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) February 8, 2020 “>http:// मुख्यमंत्री @OfficeOfKNath प्रदेश के आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनाना चाहते हैं। वे श्रीमती सोनिया गांधी के इशारे पर काम कर रहे हैं। पहले भी सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) के साथ बहुत खिलवाड़ हो चुका है और कमलनाथ जी अब इस खिलवाड़ को बंद करें। धर्मांतरण को रोकने की जरूरत है। pic.twitter.com/7hdxZ1QJ4x — Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) February 8, 2020
गोपाल भार्गव ने कमलनाथ से आग्रह करते हुए कहा कि इससे पूर्व भी हिन्दुओं के साथ काफी खिलवाड़ हो चुका है। इसीलिए कमलनाथ यह षणयंत्र बंद करें।
क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवी संघ इस बात की इज़ाज़त कभी नहीं देगा। छिंदवाड़ा सहित पूरे प्रदेश के आदिवासियों को जो ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश की जा रही है वह बंद किया जाए।
आदिवासी आदिकाल से सनातन संस्कृति हिन्दू धर्म का अभिन्न अंग रहा है। यह प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है। गरीब वनवासी शबरी के झूठे बेर भगवान राम ने खाए थे। सभी युगों में हमारे सनातन धर्म को सबसे अधिक पोषित और पल्लवित करने का काम वनवासी वर्ग ने किया है। — Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) February 8, 2020 “>http:// आदिवासी आदिकाल से सनातन संस्कृति हिन्दू धर्म का अभिन्न अंग रहा है। यह प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है। गरीब वनवासी शबरी के झूठे बेर भगवान राम ने खाए थे। सभी युगों में हमारे सनातन धर्म को सबसे अधिक पोषित और पल्लवित करने का काम वनवासी वर्ग ने किया है। — Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) February 8, 2020
आदिवासी आदिकाल से सनातन संस्कृति हिन्दू धर्म का अभिन्न अंग रहा है। यह प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है। गरीब वनवासी शबरी के जूठे बेर भगवान राम ने खाए थे। सभी युगों में हमारे सनातन धर्म को सबसे अधिक पोषित और पल्लवित करने का काम वनवासी वर्ग ने किया है।
इसीलिए उनके धर्म परिवर्तन के बारे में सोचना भी गलत है।