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कोरोना वैक्सीन को लेकर हुआ फर्जीवाड़ा, बिना टिका लगवाए ही लोगों को जारी करवा दिए सर्टिफिकेट 

  • बिना वैक्सीन लगवाए ही जारी करवा दिए प्रमाण पात्र 
  • लेनदेन कर हुए इस खेल का पता चलते ही स्वास्थ्य अधिकारियों के हो गए  कान खड़े

जबलपुर/निशा चौकसे:- मध्यप्रदेश में आए दिन उलटफेर और फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहते हैं. हाल ही में एमपी के जबलपुर से एक फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जहां स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी ने ऐसा फर्जीवाड़ा किया कि टीका लगवाए बगैर लोगों को प्रमाण पत्र जारी कर दिए. लेनदेन कर हुए इस खेल का पता चलते ही स्वास्थ्य अधिकारियों के कान खड़े हो गए. जांच कराई गई तो एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों की तादात में उन लोगों का पता चला जिन्हें वैक्सीन लगवाए बगैर प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके थे. 
इस बात का खुलासा होते ही विभाग में हड़कंप मच गया. जांच पड़ताल हुई तो एक वर्ग विशेष के लोगों का पता चला जो कोरोना की वैक्सीन से दूरी बनाए रखना चाहते थे. उसी वर्ग के कर्मचारी ने बाकायदा पंजीयन कर प्रमाण पत्र जारी किए थे. फिलहाल कर्मचारी को दूसरे स्वास्थ्य केंद्र में अटैच कर दिया गया है. 

लोकायुक्त की टीम ने मारा छापा 
ऐसा ही एक मामला शाहगढ़ तहसील क्षेत्र के बगरोधा ग्राम से आया जहां हल्का पटवारी को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा. लोकायुक्त पुलिस टीम से मिली जानकारी अनुसार बगरोधा ग्राम के आवेदक कृषक बृजेश गोस्वामी द्वारा लोकायुक्त पुलिस को शिकायत की गई थी कि उनकी जमीन का आपसी बटवारा करने एवं जमीन का नामांतरण करने के लिए हल्का पटवारी हेमेंद्र अहिरवार द्वारा 35 हजार रुपये मांगे गये थे जिसको लेकर किसान बृजेश गोस्वामी द्वारा बातचीत का ऑडियो क्लिप भी लोकायुक्त पुलिस को दिया था. बाद में पटवारी हेमेंद्र अहिरवार द्वारा फरयादी किसान से 20 हजार रुपये लेने की बात हुई जिस पर लोकायुक्त पुलिस टीम ने छापामार कर पटवारी हेमेंद्र अहिरवार को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा के अंतर्गत कार्यवाही की है. 

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