पूर्व मंत्री ने अपनी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मरने मारने तक विरोध-आंदोलन करने की कही बात, इस योजना पर मचा बवाल
मध्यप्रदेश/पन्ना/भोपाल – लगभग 15 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने देश भर में नदियों को जोड़ने की परियोजना बनाने पर काम करने की बात कही थी। उसी समय केन-बेतवा लिंक योजना प्रोजेक्ट की रूपरेखा भी तैयार की गई। यह देश भर की 30 नदियों को जोड़ने के लिए शुरू की गई नदी परियोजनाओं में से एक हैं। इस परियोजना के तहत 77 मीटर लंबा और 2 किलोमीटर चौड़ा बान्ध और 230 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण भी शामिल हैं। लेकिन केन-बेतवा लिंक परियोजना के शुरू होते ही बीजेपी मे ही विरोध के स्वर तेज हो गए हैं।
दरअसल, विश्व जल दिवस 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में केन-बेतवा लिंक परियोजना को लागू करने के लिए मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकार के बीच में केंद्र के साथ एक समझौता हुआ हैं। इस समझौते के तहत केन और बेतवा नदी को आपस में जोड़ा जाएगा और इनसे मिलने वाले जल को दोनों राज्यों की जनता के हित में प्रयोग किया जाएगा।
सरकार का दावा है कि परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र के न केवल सूखे की समस्या निपटाने में मदद मिलेगी बल्कि किसान संपन्न होंगे। आत्महत्या की दर घटेगी और सिंचाई क्षमता बढ़ने से उत्पादन और समृद्धि में बढ़ोतरी होगी। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के झांसी, बांदा, ललितपुर, महोबा और मध्यप्रदेश के टीकमगढ़, पन्ना व छतरपुर जिले लाभान्वित होंगे।
इधर, दोनों राज्यों की सरकार के केंद्र के साथ हुए इस समझौते के बाद बीजेपी की वरिष्ठ नेता और प्रदेश भाजपा सरकार की पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले ने सरकार के विरोध में झंडा उठा लिया हैं। पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले ने इस योजना को पन्ना जिले के लिए नुकसान बताया है और इसके विरोध में आंदोलन करने की बात कही हैं।
उन्होंने कहा कि हम अपनी नदी का पानी नहीं लेने देंगे और मरने मारने तक विरोध करेंगे। कुसुम मेहदेले ने यह भी कहा कि जैसे तैसे पन्ना का नेशनल पार्क विकसित हुआ है वह भी बर्बाद होगा और साथ ही हमारी जमीन डूब विस्थापन में जाने से कई गांव में जीवन यापन का संकट खड़ा हो जाएगा। जिले के पर्यटन पर भी विपरीत असर पड़ेगा। कुसुम मेहदेले ने साफ कह दिया कि अब वे आंदोलन करेंगी और इसके लिए सभी पार्टियों की बैठक बुला रही हैं। सपा, बसपा, कांग्रेस बीजेपी सभी के साथ मिलकर यह तय करेंगी कि क्षेत्र का विकास कैसे हो और इसे चारागाह नहीं बनने दिया जाए।