PIPARIYA: फिर छीनी गई आदिवासियों की ज़मीन, वन विभाग पर लगा आरोप
मैं खुश हूँ
कि पता है मुझे
हर सिद्धार्थ का गंतव्य
कि बुद्ध होने के लिए
आना होता है उन्हें
ऐसे ही किसी जंगल में
हाँ,
बहुत खुश हूँ मैं
कि उसी बुद्ध के
मध्यम मार्ग का अभ्यासी हूँ
मैं आदिवासी हूँ। (डॉ. ए.दीप की कविता का अंश)
पिपरिया । नांदिया ग्राम पंचायत के सूपडोंगर गाँव से आदिवासियों की ज़मीन छिनने की ख़बर सामने आई है. गाँव के आदिवासियों ने वन विभाग के अधिकारियों पर ज़मीन छीनने का आरोप लगाया है. आदिवासियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम पर आवेदन भेजकर ज़मीन का सीमांकन कराए जाने की माँग की है.
आदिवासियों का क्या कहना है ?
आदिवासियों का कहना है कि वे लोग सालों से सूप डोंगर गाँव तहसील पिपरिया में खेती करके अपना परिवार चला रहे हैं. और कुछ महीने पहले वन विभाग के अधिकारियों ने उनके गाँव का सीमांकन कर मुनारे लगाकर हदबंदी कर दी थी. जिसके कारण उनके गाँव की ज़मीन का काफी भाग वन विभाग की सीमा में चला गया. अब चूँकि ज़मीन चली गयी गई है तो आदिवासी खेती भी नहीं कर पा रहे हैं.
आदिवासियों ने अपनी ज़मीन की माँग करते हुए कहा कि उनकी ज़मीन से संबंधित सारा लेखा-जोखा पटवारी और तहसील कार्यालय में उपलब्ध है. जिसके जरिए उनकी ज़मीन की नपवाई की जाए.