सभी खबरें

अगले हफ्ते से हर राज्यों से दिल्ली कूच करेंगे किसान, पैसों की कमी के कारण इन राज्यों के किसान चाह कर भी नहीं जा पा रहे दिल्ली

अगले हफ्ते से हर राज्यों से दिल्ली कूच करेंगे किसान, पैसों की कमी के कारण इन राज्यों के किसान चाह कर भी नहीं जा पा रहे दिल्ली

 नई दिल्ली/गरिमा श्रीवास्तव:- दिल्ली में 26 नवंबर से किसान आंदोलन लगातार जारी है. इस आंदोलन में साथ बड़ी बाजी के किसान भी शामिल होना चाहते हैं लेकिन वे शामिल नहीं हो पा रहें. पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छोड़ दें तो बाकी राज्यों के किसानों की आंदोलन स्थल पर बेहद कम मौजूदगी है. 
 पड़ताल के बाद यह बात सामने आई कि सबसे बड़ी बाधा परिवहन व संसाधन का अभाव है. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में किसान चाहकर भी आंदोलन में शामिल नहीं हो पा रहे.. 
 कोरोना के कारण ट्रेन और वाहन कम चल रहे हैं खेतों में खड़ी फसल की देखभाल भी इन्हें ही करनी है, इसके साथ ही किसानों ने यह बात भी बताई कि किसान संगठनों में प्रभावी नेतृत्व की कमी भी है.. 
 यूपी राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात बिहार छत्तीसगढ़ झारखंड के किसानों के सामने काफी मुश्किलें आ रही हैं. तो वहीं गुजरात में सरकार पर यह आरोप लगाया गया है कि वह किसानों को नजरबंद कर रहे हैं.कई किसानों के पास पैसों कि कमी आ रही है जिसकी वजह से वह चाह कर भी दिल्ली आन्दोलन में शामिल नही हों पा रहे हैं .

गाज़ियाबाद में किसान ने की आत्महत्या :- 

दिल्ली बॉर्डर पर किसानों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है। किसान ने सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसमे उसने आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले भी कई किसानों की दिल्ली बॉर्डर पर मौत हो चुकी है।

मृतक किसान का नाम कश्मीर सिंह लाडी है। कश्मीर सिंह उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के रहने वाले थे। शनिवार सुबह शौचालय में उन्होंने आत्महत्या कर ली। उनके पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। जिसमे लिखा है की 'किसान आखिर कब तक सर्दी में बैठे रहेंगे। सरकार सुन नहीं रही है। मैं इस उम्मीद में अपनी जान दे रहा हूं की शायद इस मुद्दे का कोई हल निकल जाए।' गाज़ियाबाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कश्मीर सिंह ने सुसाइड नोट में यह भी इच्छा जताई है कि उनका अंतिम संस्कार दिल्ली बॉर्डर पर ही हो। जहाँ पर उनके बच्चे और पोते मौजूद हों। भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि कश्मीर सिंह के बच्चे और पोते भी दिल्ली में ही हैं और किसान आंदोलन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बता दें की दिल्ली बॉर्डर पर किसान नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि कानून वापस लिए जाएँ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button