सिहोरा :- खून-पसीने से उगाई फसल, अब बेचने के लिए परेशान अन्नदाता
खून-पसीने से उगाई फसल, अब बेचने के लिए परेशान अन्नदाता
सिहोरा कृषि उपज मंडी के हाल बेहाल : सैकड़ों ट्रैक्टर सहित दूसरे वाहनों में मूंग-उड़द लेकर पहुंचे किसान, कब लगेगी बोली अता पता नहीं !!
सिहोरा / खून पसीने से उपज उगाने वाला अन्नदाता अब उसे बेचने के लिए परेशान है। किराए से ट्रैक्टर लेकर अपने गांव से किसान 30 से 40 किलोमीटर दूर अपनी उपज बेचने के लिए कृषि उपज मंडी तो पहुंचता है, लेकिन वहां उसकी उपज कितने में खरीदी की जाएगी उसे इस बात का भी पता नहीं होता। मामला जबलपुर जिले की सिहोरा कृषि उपज मंडी का है। जहां मंगलवार को सैकड़ों किसान ट्रैक्टर में मूंग उड़द और गेहूं लेकर विक्रय के लिए सिहोरा मंडी पहुंचे।
लेकिन वहां स्थिति यह थी कि किसानों को ट्रैक्टर में लाई उपज को अंदर ले जाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। जैसे तैसे पर्ची कटवाने के बाद उपज शेड तक तो पहुंच गई। उपज की बोली कब लगेगी इसका कोई अता पता नहीं था।
जानकारी के मुताबिक कृषि उपज मंडी सिहोरा में 10:00 बजे से ही किसान ट्रैक्टर और दूसरे साधनों से मूंग उड़द और गेहूं लेकर पहुंचने लगे थे। किसानों की संख्या इतनी अधिक थी कि कृषि उपज मंडी के दोनों तरफ ट्रैक्टरों की लंबी लाइन लग गई। कई किसानों को तो अंदर प्रवेश करने ही नहीं दिया गया और मंडी प्रशासन की तरफ से यह बात बताई गई कि शहर में उपज रखने के लिए जगह ही नहीं बची है। मौके पर शासन और प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा मौजूद नहीं था जो कि स्थिति को संभाल सके। करीब 100 से अधिक ट्रैक्टर और दूसरे वाहन दोनों तरफ खड़े थे।
किसानों की परेशानी किसानों की जुबानी : परिवार गांव से 25 क्विंटल उड़द लेकर आए किसान राम भरोसे ने बताया कि वह सुबह 9:00 बजे 12 सौ किराए का ट्रैक्टर लेकर आए थे। यहां आकर देखा तो पर्ची कटाने के लिए भारी भीड़ लगी थी। कई किसानों की तो पर्चियां ही नहीं कट पाई। कुछ ऐसी ही स्थिति एक दर्जन से अधिक किसानों की थी। जिनकी ना तो पर्चियां कट रही थी और ना ही उन्हें अंदर जाने दिया जा रहा था।
शेड में खुला पड़ा उडद और मूंग, बोली लगेगी कब ! : कृषि उपज मंडी के अंदर का नजारा भी बाहर से कुछ अलग नहीं था। वहां किसानों ने अपनी उपज शेड में बोरों से पलट दी। लेकिन इसकी बोली कब लगेगी उन किसानों को इसकी जानकारी ही नहीं की किसान अशोक पटेल ने बताया कि उनकी पर्ची भी कट गई और शेड में उन्होंने अपनी उड़द भी रख दी है। उनको यह बताया गया कि अब उपज की बोली कल लगेगी। शेड में अपनी उपज लेकर बैठे दूसरे किसानों का भी यही हाल था।
मंडी में कट रही मुद्दत (कमीशन), सुनने वाला कोई नहीं द लोकनीति को किसान देवरी से आए किसान दिनेश पटेल ने बताया कि कृषि उपज मंडी में व्यापारी किसानों की उपज खरीदने के बाद 2% मुद्दत (मुद्दत) काटते हैं। उन्होंने बताया कि जब इसकी शिकायत उन्होंने एसडीएम और प्रशासन से की थी उस दौरान उनके साथ भेदभाव होना शुरू हो गया। जब भी वह अपना माल लेकर कृषि उपज मंडी आता था तो व्यापारी एकमत होकर उसके माल की कम कीमत लगाते थे।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
कृषि उपज मंडी सिहोरा में आवक ज्यादा होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है, जो मेरे संज्ञान में है। जहां तक प्रशासन की बात है मंडी निरीक्षक और उप निरीक्षकों को व्यवस्था के लिए लगाया गया था। मंडी में जितने भी चैट है उसका उपयोग हो चुका है, जहां तक जिन किसानों को अभी एंट्री नहीं मिली है उन्हें एंट्री अंदर दी जाएगी ताकि वह अपनी उपज व्यापारियों को बेच सकें।
चंद्र प्रताप गोहिल एसडीएम एवं प्रशासक कृषि उपज मंडी सिहोरा