गुजरात में नकली Remdesivir बनाने का चल रहा था कारोबार, इंदौर पुलिस की मदद से सूरत में बड़ी कार्रवाई
गुजरात में नकली Remdesivir बनाने का चल रहा था कारोबार, इंदौर पुलिस की मदद से सूरत में बड़ी कार्रवाई
इन दिनों गुजरात से भारी मात्रा में रेमडेसीविर का आयात हर राज्य करा रहे हैं. लोगों की मजबूरी का फायदा उठा कर अब बड़ी संख्या में इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है. इसके बाद गुजरात पुलिस ने इस बड़े कारनामे को पर्दाफाश करने के लिए एक फार्म हाउस पर छापा मारा. यहीं पर नकली इंजेक्शन बनाने का कारोबार चल रहा था. पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना कौशल बोहरा को गिरफ्तार कर लिया.
बताते चलें कि कौशल बोहरा से ही आरोपी सुनील मिश्रा इंजेक्शन लेता था और वह मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बेचा करता था. सुनील ने मध्य प्रदेश में 1200 इंजेक्शन बेचे थे.
जहां 1000 इंजेक्शन इंदौर में और 200 इंजेक्शन जबलपुर में बेचे गए. इस गिरोह ने पूरे देश भर में 5000 करीब नकली इंजेक्शन बेचे हैं.
यह सारे इंजेक्शन किस किस को दिए और कितने में दिए इसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है. इंदौर पुलिस ने इसी गिरोह के दो सदस्यों को गुरुवार रात इंदौर के विजय नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है पूछताछ के बाद पूरे गिरोह का खुलासा हुआ. इसके बाद उसमें रीवा निवासी सुनील मिश्रा का नाम सामने आया.
इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक महिला ने शिकायत किया कि एक आदमी रेमडेसीविर इंजेक्शन बेच रहा है और वह यह इंजेक्शन सिर्फ महिलाओं को बेच रहा है. जिसके बाद पुलिस ने महिला एसआई को जरूरतमंद बनाकर भेजा. आरोपी सुरेश यादव निवासी बाणगंगा से मैसेंजर पर टॉसिलिजूमैब इंजेक्शन देने की बात कर रहा था. पुलिस अधिकारी ने आरक्षक के साथ मिलकर उसे जाल में फंसा लिया. इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के बाद धीरज और दिनेश को पकड़ा धीरज और दिनेश से पूछताछ के बाद उन्होंने बताया कि वह इंजेक्शन प्रवीण उर्फ़ सिद्धार्थ नाम के युवक से लेते थे. पुलिस को और पूछताछ के बाद आसीम भाले का नाम पता चला. और फिर सुनील मिश्रा का नाम सामने आया. जब पूरी जानकारी और कॉल डिटेल निकाले गए तो यह लोकेशन सूरत में मिला और फिर पुलिस सुनील मिश्रा तक पहुंच गई.
यह इंजेक्शन डिसटीब्यूटर्स 1700 में लाते थे और 40000 में बेचते थे.