MP में बिजली कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव के नजदीक आते ही कर्मचारियों के बीच हड़ताल का दौर भी शुरू हो गया है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के बाद अब प्रदेश में बिजली कंपनियों के कर्मचारियों के राज्य की शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लंबे समय से मांगे पूरी ना होने के चलते अब प्रदेश के 70000 बिजली अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल कारने पर मजबूर हो गए है। सीएम शिवराज सिंह चौहान को ढ़ाई महीने में 13 पत्र लिखने के बाद मिलने का समय ना देने अब यूनाइटेड फोरम ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है ।इसमें उन्होंने बताया है कि ऊर्जा मंत्री एवं प्रमुख सचिव से 2 साल से चर्चा चल रही है लेकिन अब तक समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया गया है। अब विद्युत अधिकारी कर्मचारी कभी भी एकजुट होकर बड़ा आंदोलन कर सकते हैं ।
2 सालों से मिल रहा आश्वासन
यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर मध्य प्रदेश ने आगे लिखा है कि लगातार पिछले कई वर्षों से विद्युत कंपनियों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों के संबंध में चर्चा कर उनके निराकरण के लिए निवेदन करता रहा है। इस संबंध में दिनांक 5 जनवरी 2023 को सभी बिन्दुओं पर CS से चर्चा भी की गई थी एवं उनके द्वारा उक्त बिन्दुओं के निराकरण के लिए सीएम से चर्चा कराने का आश्वासन भी दिया गया था एवं विभिन्न बिन्दुओं पर सभी संवर्गों से प्रस्ताव पर चर्चा कर उनपर कार्यवाही के लिए भी आश्वस्त किया गया था। पिछले 2 वर्षों में फोरम द्वारा ऊर्जा मंत्री और CS से विभिन्न बिन्दुओं पर वार्ता भी हुई लेकिन आज दिनांक तक उनके निराकरण लंबित है, इस संबंध मेंCM से भी पिछले वर्षों में कई पत्राचार किये गये लेकिन चर्चा के लिए समय नहीं मिल सका।