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प्रदेश सरकार के खिलाफ गांव गांव में अलख जगाने के लिए युवा कांग्रेस की तूफानी तैयारियां बयानों तक सिमटी

प्रदेश सरकार के खिलाफ गांव गांव में अलख जगाने के लिए युवा कांग्रेस की तूफानी तैयारियां बयानों तक सिमटी

  •  युवाओं के हित की बात करने वाली युवा कांग्रेस सिर्फ बयानों तक
  •  कोरोनावायरस के कागजों में सिमटी युवा, महिला कांग्रेस
  •  अंचल विस्तार के साथ मासिक बैठके भी नहीं हुई शुरू 

 

भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:- मध्यप्रदेश में विपक्षी दल लगातार युवाओं के मुद्दे पर बेरोजगारी के मुद्दे पर महंगाई के मुद्दे पर सड़कों पर उतरने की बात करते रहते हैं. मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस भी इसी तरह की तैयारियों में लगी रहती है.

 प्रदेश सरकार के खिलाफ गांव गांव गली मोहल्लों में अलख जगाने के लिए महिला और युवा कांग्रेस की तूफानी तैयारियां और मैदानी लड़ाई सिर्फ बयानों तक सिमट कर रह गई है. वजह कड़ाके की ठंड और कोरोना संक्रमण बताई जा रही है. बताते चलें कि मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने चार वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष नियुक्त करने के साथ-साथ उन्हें संभागीय प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी है. इसमें मालवा निमाड़ के लिए नूरी खान, बुंदेलखंड और रीवा के लिए कविता पांडे, महाकौशल के लिए जमुना मरावी और ग्वालियर चंबल के लिए रश्मि पवार है. इसलिए इन लोगों को यह प्रभार सौंपा गया है, क्योंकि प्रदेश भर में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचारों और उत्पीड़न की घटनाओं को उठाया जा सके. आज तो अभी अभी कहा जा रहा था कि महिलाओं को कांग्रेस के पाले में लाने के लिए यह मुहिम बेहद कारगर साबित हो सकती है. पर संभागीय स्तर पर ऐसी पहल हो नहीं सकी.

होम बार के खिलाफ महिला कांग्रेस का आज मौन प्रदर्शन:-

प्रदेश सरकार द्वारा सोमवार की इजाजत दिए जाने के खिलाफ आज महिला कांग्रेस पूरे प्रदेश भर में मौन प्रदर्शन करेंगी. महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल इंदौर में मौन प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगी.उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की शराबबंदी की मांग के बाद भी राज्य सरकार प्रदेश में शराब की बिक्री बढ़ाने की तैयारी कर चुकी है. इसके विरोध में कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए प्रदेश में महिला कांग्रेस मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करेगी.

 युवा कांग्रेस की शुरू नहीं हो सकी जिलेवार बैठके:-

 इसके साथ ही युवा कांग्रेस की जिलेवार बैठकें भी रुकी हुई है. बैठको से जिले के युवाओं से सीधे संवाद होना है. युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने जिलेवार बैठकों की रणनीति बनाई थी. बैठकों के बाद जिले की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपने और प्रदर्शन तक होना था लेकिन इस तरह की सिर्फ एक बैठक दमोह जिले में होने के बाद से विराम की स्थिति बनी हुई है.

 आगे देखना होगा कि विपक्षी दल खासतौर पर युवा कांग्रेस की क्या रणनीति होती है

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