सीएम शिवराज बोले मंत्रालय में रंगीन पिक्चर खींच दी जाती है, लेकिन फील्ड पर पता चलती है असलियत, जानिए पूरी खबर?

- सीएम शिवराज बोले फील्ड में जाकर पता चली है असलियत
- आज से शुरू हुआ वाणिज्य सप्ताह
- कोई अकेला मुख्यमंत्री किसी प्रदेश की तरक्की प्रगति नहीं कर सकता: मुख्यमंत्री
भोपाल/निशा चौकसे:- पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के ब्यूरोक्रेसी को लेकर विवादित बयान के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक बयान सामने आया है. दरअसल, भोपाल के मिंटो हॉल में आज आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया गया. आज से वाणिज्य सप्ताह शुरू हुआ है जो 30 सितम्बर तक चलेगा. सीएम शिवराज इसी कार्यक्रम में आए थे. एमपी की राजनीति में इन दिनों ब्यूरोक्रेसी पर उमा के बयान के बाद माहौल गर्माया हुआ है. यहीं ब्यूरोक्रेसी के हाल पर कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने चुटकी ले ली. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन मायने एक ही थे.
फील्ड पर जाकर पता चलती है असलियत
सीएम शिवराज ने कहा अगर मंत्रालय में बैठ जाओ तो वहां तो रंगीन पिक्चर खींच दी जाती है. जय हो महाराज. सब दूर आनंद ही आनंद है, पर फील्ड में जाओ तो जनता से मिलकर पता चलता है कि दरअसल कहां तक आनन्द पहुंचा. उन्होंने मंच पर बैठे अधिकारी से कहा कि मैं संजय शुक्ला के बारे में नही बोल रहा. उन्होंने यह भी कहा कि नीचे भी काम मुख्यमंत्री की आंख का इशारा देखकर होता है. सीएम जिस पर फोकस कर ले बस वहीं विकास तेजी से होता है. बल्लभ भवन में बैठकर कुछ नहीं होगा.
हर जिले में बनाएंगे एक्सपोर्ट कमेटी
शिवराज ने कहा कि बेरोजगारी बड़ी समस्या है, उसका समाधान खोज रहे हैं. मध्य प्रदेश में उद्योग बढ़ाने होंगे। हम कई तरह के उत्पाद एक्सपोर्ट करेंगे।
साथ ही कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में उद्योगों को बनाए रखना होगा. हर जिले में एक्सपोर्ट कमेटी बनाएंगे. काउंसिल मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी, क्योंकि कई बार मुख्यमंत्री की आंख का इशारा देखकर काम होता है। एयर कार्गो को लेकर भोपाल में काम करेंगे। जिन देशों-राज्यों ने अच्छा काम किया, उनसे सीखे. एक साल में परिणाम दें, जमाने की रफ्तार तेज है. मैं मेजबान हूं. कोई अकेला मुख्यमंत्री किसी प्रदेश की तरक्की प्रगति नहीं कर सकता. जनभागीदारी से हमने कोरोना पर नियंत्रण किया. उन्होंने यह भी कहा कि राजनेताओं को गुमान हो जाता है कि सब कुछ वही हैं. उनसे ज्यादा कोई बुद्धिमान नहीं है. मैं इसे नहीं मानता हूं.