Delhi Violence: सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान को लेकर CJI ने मांगा हर्ष मंदर से जवाब
नई दिल्ली: दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में तीन बीजेपी नेताओं (अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा) पर भड़काऊ भाषण को लेकर FIR की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर (Harsh Mander) खुद ही घिर गए। कोर्ट ने उन्हें डांट लगाई और इस पर सुनवाई करने से मना कर दिया।
मुख्य न्यायधीश (Chief Justice of India) एसए बोबडे (Sharad Arvind Bobde) ने कहा- 'आपकी याचिका पर तब तक सुनवाई नहीं होगी जब तक कि न्यायपालिका को लेकर की गई आपके बयान का मामला नहीं सुलझ जाता।'
CJI ने Citizenship Act को लेकर हर्ष मंदर के बयान का हवाला देते हुए कहा- 'आपने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान दिया है। हम अभी आपको नहीं सुनेंगे… अगर हर्ष मंदर को सुप्रीम कोर्ट के बारे में ऐसा लगता है, तो पहले इस पर फैसला होना चाहिए।'
दिल्ली हिंसा मामले में हर्ष मंदर भी पीड़ितों के साथ एक याचिकाकर्ता थे। जिन्होंने अभी बयान दिया था कि सुप्रीम कोर्ट पर अब भरोसा नहीं रहा। फिर भी हम बीजेपी नेताओं के खिलाफ कोर्ट जा रहे हैं। CJI एस ए बोबडे ने हर्ष मंदर के बया की ट्रांस्क्रिप्ट माँगा है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा।