कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को 23 की उम्र में मिलेंगे 10 लाख रुपए, पोस्ट ऑफिस में खुलेंगे अकाउंट, जानिए कैसे?
- कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार की पहल
- पढ़ाई के लिए बच्चो को दी जाएंगी किताबे और यूनिफार्म
भोपाल/निशा चौकसे:- मध्यप्रदेश में कोरोना से जान गवाने वाले ऐसे लाखों लोग है जिनके बच्चे अनाथ हो गए हैं. जिसे लेकर केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी के कारण जिन बच्चों के माता-पिता, कानूनी या दत्तक माता-पिता, की मृत्यु हो गई है, उन्हें “पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना” में सहारा दिया जाएगा. इस योजना के लिए प्रदेश की मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के हितग्राही भी पात्र होने. संचालक महिला-बाल विकास रामकुमार भोंसले ने बताया कि योजना में पात्र बच्चों के चिन्हांकन की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी. पात्र सभी बच्चों की प्रविष्टि pmcaresforchildren.in पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. कलेक्टर के सिंगल अकांउट खातों की पोर्टल पर मेपिंग होगी. साथ ही हितग्राहियों के साथ कलेक्टर के पोस्ट ऑफिस में ज्वाइंट अकाउंट खोले जाएंगे. पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के लिए “सिटिजन लॉगइन से भी सीधे आवेदन को भरा जा सकता है अथवा बाल कल्याण समिति के लॉग इन से भी आवेदन किया जा सकता है.
बच्चों को दी जाएगी ये व्यवस्था
इसके अलावा उन्हें किताबों, नोट-बुक, यूनिफार्म पर व्यय राशि भी प्रदान की जाएगी। योजना में बाल हितग्राही के 11 से 18 वर्ष आयु समूह में होने पर केन्द्रीय आवासीय विद्यालय जैसे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल आदि में प्रवेशित किया जाएगा. यदि हितग्राही संयुक्त परिवार में निवासरत है, तो नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी विद्यालय में गैर-आवासीय विद्यार्थी के रूप में प्रवेशित किया जाएगा. पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना में बाल हितग्राही के 18 वर्ष के होने पर बच्चे के नाम से 10 लाख रुपए के कार्पस का प्रावधान किया गया है. इसी कार्पस से बच्चे को मासिक आर्थिक सहायता दी जाएगी. बाल हितग्राही की आयु 23 वर्ष होने पर उन्हें 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. साथ ही आयुष्मान भारत योजना के बाल हितग्राही को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर भी दिया जाएगा.