Sagar : कहीं भाग के न कर ले शादी इसलिए करवा रहे थे बाल-विवाह, प्रदेश के आकड़े डराने वाले

- कड़े कानूनों के बाद भी नहीं रुक रहे बाल-विवाह
- समाज की चिंता है बच्चो की नहीं
- इंदौर जैसा बड़ा जिला इस मामले में सबसे ज्यादा बदनाम
Sagar News, Gautam Kumar :- सागर के ढाना में एक नाबालिग के शादी इसलिए करवाई जा रही थी क्यूंकि उसके माँ-बाप को डर था कि कहीं ये भाग के शादी न कर ले। 16 वर्ष के बच्चे की शादी एक 14 वर्षीय बच्चे से की जा रही थी। पुलिस को सुचना मिली जिसके बाद मौकेस्थल पर पहुंचकर शादी रुकवाई गई।
समाज सुधार और अनेक विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार न जाने कितने मुहिम ला चुकी है। पर अभी भी कुछ प्रथाएं ऐसी हैं जो किसी न किसी बहाने से समय-समय पर समाज में दिख जाती हैं। और ये खबर ऐसी ही एक कुप्रथा की है जो शासन और प्रशासन को सकते में डाल सकता है।
जानकारी के अनुसार पुलिस को सागर पुलिस को सुचना मिली थी कि ढाना में एक नाबालिग किशोर के बारात की तैयारियां चल रही है। बारात ढाना के एक 16 वर्षीय किशोर की थी जो की दमोह के पथरिया जा रही थी। नाबालिग दुल्हन की उम्र मात्रा 14 वर्ष थी। जब यह खबर प्रशासन को मिली तो उनके कान खड़े हो गए और आनन-फानन में मौके पर पहुंचकर यह बरात और शादी दोनों रुकवाई गई।
कड़े कानूनों के बाद भी नहीं रुक रहे बाल-विवाह
क्या सिर्फ कड़े कानूनों को लेकर आप इन चीज़ों पर लगाम लगा सकते हैं ? अगर आप समझते हैं हाँ तो यह खबर ओके मुँह पे तमाचा है। जरूरत है तो लोगों को जागरूक करने की उन्हें समझाने की, कि एक गलती न हो इसके लिए जरूरी नहीं की आप दूसरा कर बैठें। अपने बच्चों के संस्कार आप खुद बनाते हैं। तो जरूरी है की अपने संस्कारों पर भरोसा करें और इस बदलते युग के साथ खुद को बदलें। ये मैं नहीं कह रहा बल्कि बदलते रहना नियम है प्रकृति का और जो प्रकृति के नियमो को नहीं मानता उसका क्या होता है यह किसीको बताने की जरूरत नहीं।
भाग न जाए इसलिए कर रहे थे शादी
जब पुलिस ने पूछताछ की तो पाया कि वे इन दोनों की शादी सिर्फ इसलिए कर रहे थे क्यूंकि आये दिन अखबारों में लड़के-लड़कियों की भागने की खबरें आती हैं। उन्हें भी डर था कि कहीं इनका लड़का भाग के शादी न कर ले। उन्हें डर था कि अगर बच्चा भाग गया तो समाज में वे मुँह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे। काफी समझाने बुझाने के बाद पुलिस यह शादी रुकवा पायी।
समाज की चिंता है बच्चो की नहीं
क्या आपका समाज आपके लिए इतना महत्वपूर्ण हो चला है कि आप यह नहीं समझ पा रहे हैं क्या सही है और क्या गलत ? आपके अपने औलादों से ज्यादा आपको उनलोगों की चिंता है जो शायद कल आपके साथ रहे न रहे इसका भी भरोसा नहीं है। अगर एक आकड़े की माने तो भारत में आज भी 27 प्रतिशत नाबालिगों को उम्र से पहले ब्याह दिया जाता है। वर्ष 2030 तक 150 लाख लड़कियों की शादी उनके असल उम्र से पहले ही कर दी जायेगी।
पिछले सेन्सस की माने तो इंदौर जैसा बड़ा जिला इस मामले में सबसे ज्यादा बदनाम है। प्रदेश की व्यापारिक राजधानी कहे जाने वाली इंदौर में कुल 37,700 बच्चों की शादी कर दी गयी थी। उसके बाद उज्जैन, धार, शाजापुर और राजगढ़ जिलों का नंबर आता है। मालवा रीजन में आने वाले इन ज़िलों की स्थिति बाल-विवाह के मामले में भयावह तो है ही अब अगर प्रदेश के दुसरे ज़िलों से भी ऐसी खबरें आने लगी तो सरकारों को इसके ऊपर विचार करने की आवयश्कता है।