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MPPSC से चयनित असिसटेंड प्रोफसर की नियुक्ति न होने पर उम्मीदवारों ने किया विरोध प्रदर्शन

MPPSC से चयनित असिसटेंड प्रोफसर की नियुक्ति न होने पर उम्मीदवारों ने किया विरोध प्रदर्शन

  • नियुक्ति पत्र के लिए धरना
  • पुरुष उम्मीदवारों ने सिर मुंडवाया
  • सरकार चैन की नींद में सो रही

रविवार को राज्य की राजधानी में हजार से अधिक पीएससी चयनित सहायक प्रोफेसर उम्मीदवारों ने अपना धरना शुरू किया। सभी 52 उम्मीदवारों ने विरोध के निशान के रूप में अपना सिर भी झुकाया। इतना ही नही बैरागढ़ से नीलम पार्क तक मार्च किया और उच्च शिक्षा विभाग से नियुक्ति पत्र देने की मांग को लेकर धरना दिया। विरोध मार्च 24 नवंबर को महू से शुरू हुआ जिसमें सैकड़ों उम्मीदवार पैदल राज्य की राजधानी आए। PSC चयनित उम्मीदवारों को अब AJAKS जैसे अन्य संगठनों का समर्थन मिल रहा है। AJAKS के प्रतिनिधि और पदाधिकारी रविवार को नीलम पार्क पहुंचे और चयनित उम्मीदवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की। लगभग 52 उम्मीदवारों ने विरोध के निशान के रूप में अपना सिर मुंडवाया। कुछ महिला उम्मीदवार भी अपना सिर मुंडवाने के लिए आगे आईं लेकिन एसोसिएशन के अध्यक्ष ने उन्हें बड़ा कदम उठाने से रोक दिया।

एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश खट्टर ने कहा कि महिला उम्मीदवारों को टॉन्सिल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि पुरुष उम्मीदवार बड़ी संख्या में स्वयं सेवा कर रहे हैं। एसोसिएशन के प्रवक्ता नीरज मालवीय ने कहा, “हम यहां धरने पर हैं और तब तक कहीं नहीं जाएंगे जब तक हमें अपना नियुक्ति पत्र नहीं मिल जाता।” एसोसिएशन ने फैसला किया है कि वे सोमवार से नीलम पार्क में भूख हड़ताल पर रहेंगे। जिला प्रशासन ने एसोसिएशन को केवल रविवार को विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी है। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि उन्हें सोमवार को पुलिस द्वारा स्थल छोड़ने के लिए कहा जा सकता है। “हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं और सभी संवैधानिक मानदंडों का पालन कर रहे हैं। हमारी विरोध यात्रा को संविधान बचाओ यात्रा का नाम भी दिया गया है। मालवीय ने कहा कि अगर हम पुलिस के खिलाफ बल प्रयोग करते हैं तो भी हम गांधीवादी तरीके से विरोध करेंगे।

इतना सब कुछ होने के बाद भी रविवार देर शाम तक सरकार या उच्च शिक्षा विभाग के किसी प्रतिनिधि ने प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों का दौरा नहीं किया।आखिर कब तक सरकार सोते रहेगी और राजनीति की आग में अपनी रोटियां सेकती रहेगी क्या कभी जनता की तकलीफें सरकार को दिख पाऐगी या नही ये तो वक्त ही बताएगा।

 

 

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