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शिवपुरी:- स्वर्गीय अखिल बंसल की पुण्यतिथि पर आयोजन संपन्न।

शिवपुरी:- स्वर्गीय अखिल बंसल की पुण्यतिथि पर आयोजन संपन्न।

स्वर्गीय बंसल की कृति आंसू झरते है का हुआ वर्चुअल विमोचन।

 शिवपुरी / ध्रुव शर्मा:– शिवपुरी कम आयु में शिवपुरी साहित्य में उल्लेखनीय कार्य कर विदा ले लेने वाले युवा कवि स्वर्गीय अखिल बंसल की चतुर्थ पुण्यतिथि का वर्चुअल आयोजन जूम एप्प के माध्यम से समस्त साहित्यकारों,पत्रकारों,राजनेताओं,परिजनों की उपस्थिति में हुआ,जिसमे उनकी अंतिम कृति आंसू झरते है का विमोचन भी किया गया।
जुम एप्प के माध्यम से वर्चुअल आयोजन का शुभारंभ माँ सरस्वती जी व स्वर्गीय अखिल बंसल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित दीप प्रज्वलन कर हुआ, तत्पश्चात कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए  युवा कवि आशुतोष ओज ने कहा कि शिवपुरी साहित्य के देदीप्यमान नक्षत्र अखिल बंसल की स्मृति में प्रतिवर्ष साहित्यकार उनकी पुण्यतिथि पर आयोजन करते है जिसमे उनकी लिखित रचनाओं की कृति प्रकाशित की जाती है,पूर्व में स्वर्गीय अखिल के जीवित रहते उनकी कृति प्रहार व उनके जाने के बाद इन गजलों में मिलूंगा में,रात रोई शब्द रोये,जीवन क्षण भंगुर का विमोचन किया जा चुका है,उनकी लिखित कविताओं की अंतिम कृति प्रकाशन आंसू झरते है के रूप में इस आयोजन के माध्यम से होने जा रही है।तत्पश्चात शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार पुरषोत्तम गौतम, डॉ एच पी जैन,अरुण अपेक्षित और अखिल के पिताजी डी के बंसल के द्वारा आंसू झरते है का विमोचन किया गया।
अखिल बंसल के साहित्यिक पक्ष को रखते हुए ग्वालियर से वरिष्ठ कवि व लेखिका पदमा शर्मा ने कहा कि अखिल बंसल अपार संभावनाओं का नाम थे,जिनकी साहित्य के प्रति रुचि व समर्पण हम सभी ने देखा,इतनी कम आयु में अपने सामने प्रहार तो जाने के बाद उनकी चार चार प्रतियां उनके साहित्य समर्पण को ही प्रस्तुत करती है,वह बेहद योग्य व कुशल मंच संचालक के साथ साथ उम्दा कवि भी थे।
शिवपुरी के वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक व कवि डॉ एच पी जैन ने बचपन से लेकर मृत्यु तक के उनके सफर को स्मरण करते हुए कहा कि बचपन से ही मेने अखिल को देखा मेरी बेटी व अखिल सहपाठी थे,वह मेरे लिए पुत्रवत ही थे गोदी में मैने उसे खिलाया, वह न सिर्फ बेहतर कवि थे बल्कि एक श्रेष्ठ इंसान भी थे।अपनी पैथोलॉजी के माध्यम से वह जनसेवा करते थे,गरीबो से बिना शुल्क लिए वह उनकी सेवा में तत्पर रहते थे।उनके कार्य उन्हें सदा हमारे ह्रदयों में जीवित रखेंगे।
मुम्बई से वरिष्ठ कवि डॉ राज बुंदेली ने कहा कि अखिल बंसल ने अल्पायु में वह कार्य किया जो लोग पूरे जीवन काल मे नही कर पाते,साहित्य के प्रति लगाव उनका इस हद तक था कि वह इसी में डूबे रहते थे,साथ ही अपने पेशे को भी वह उतनी ही बेहतरी से संचालित करते थे।
हिंदी के विद्वान, मानस के मर्मज्ञ पुरषोत्तम जी गौतम ने अखिल बंसल को स्मरण करते हुए कहा कि उनकी प्रथम कृति के विमोचन अवसर पर उनकी छंद वद्ध कविताओं पर वक्ता ने टिप्पणी की तो उसके बाद एक से बढ़कर एक न सिर्फ छंद बद्ध कविता बल्कि गीत गजल सभी मे इतनी निपुणता के साथ अपनी प्रस्तुति अखिल ने दी वह हर किसी की बस की बात नही होती।वह बेहद पारंगत होने के साथ साथ अंहकार से कोसो दूर थे,सभी को सम्मान देना जानते थे,चाहे छोटे हो या बड़े सभी को प्रेम स्नेह से अपना बना लेने का विशिष्ठ गुण उनमें था।आज उनके जाने के बाद उन्हें हम निरंतर स्मरण कर रहे थे यही उनका वह उल्लेखनीय पक्ष है जो उन्हें दुसरो से अलग और बेहतर सिद्ध करता है।
कार्यक्रम का बेहतर सफल संचालन शब्दो से श्रोताओं को मुग्ध करने का कार्य प्रो दिग्विजय सिंह सिकरवार ने किया।
इस अवसर पर सभी ने अगले वर्ष से अखिल जी की स्मृति में स्वास्थ्य शिविर लगा लोगो को चिकित्सकीय सुविधा देने का विचार प्रस्तुत किया, जिसे सभी ने स्वीकृति दी।कई योग्य व अनुभवी चिकित्सको की उपस्थिति में अगले वर्ष से अखिल बंसल जी की पुण्यतिथि अवसर पर स्वास्थ्य शिविर की घोषणा भी कार्यक्रम दौरान की गई।अंत मे सभी का आभार अखिल के पिताजी व निरंतर उनकी अप्रकाशित रचनाओं को पुस्तक के माध्यम से प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी के निर्वहन में लगे वरिष्ठ चिकित्सक शिवपुरी के डॉक्टर डी के बंसल ने माना।

 

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