सिंधिया कोटे से बने "मंत्री" पर नाराज़ है गोपाल भार्गव, कहा "जब रण आएगा तब दिखाऊंगा नीति", गरमाई सियासत
मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्यप्रदेश (MP) में चल रही सियासी उठापटक के बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष व भाजपा के कद्दावर नेता गोपाल भार्गव (Gopal Bhargav) ने एक निजी चैनल को इंटरव्यू (Interview) दिया हैं। जिसमे उन्होंने कई तरह के खुलासे किया हैं।
इंटरव्यू के दौरान गोपाल भार्गव से मंत्रिमंडल (Cabinet) को लेकर कई तरह के सवाल किए गए। जिसको लेकर उन्होंने बेहद सटीक जवाब दिए हैं।
गोपाल भार्गव से जब पूछा गया कि क्या उनके लिए कोई नई भूमिका तय है? इस पर उन्होंने कहा कि मेरी भूमिका क्या होगी वो पार्टी तय करेगी। जो भी मुझे काम देना चाहेगी वो ठीक रहेगा। हालांकि प्रतिपक्ष में लंबा वक्त हो गया हैं।
एक सवाल में उनसे पूछा गया कि आपके विधानसभा अध्यक्ष (Vidhansabha President) बनने को लेकर भी अटकलें तेज़ चल रही है, इसपर आपकी क्या राय हैं। इस पर भार्गव ने कहा कि जब ऐसा विषय आएगा, उस समय चर्चा करेंगे। अभी कुछ भी कहना प्रिमेच्युअर होगा।
वहीं, आगे उनसे सिंधिया (Scindia) कोटे से आए समर्थकों को मंत्री बनाए जाने पर सवाल किया। गोपाल भार्गव से पूछा गया कि क्या आप इस से संतुष्ट हैं? तो उन्होंने कहा कि निर्णय हुआ है, किस कारण से हुआ मैं इसमें नहीं जाना चाहता। जो निर्णय हुआ वो स्वीकार्य हैं। मैं अतिसंतुष्ट हूं।
सुना है कि आजकल आप नाराज हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि कतई नाराज नहीं। पहले भी कभी नहीं हुआ, अभी भी नहीं हूं। मेरे नाराज नहीं होने का सबसे बड़ा कारण है कि मैं आत्मसंतुष्टि में रहता हूं।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष से पूछा गया कि पिछले कुछ दिनों से इस बात पर ज़ोर दिया जा रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले आप कोई बड़ा फैसला लेंगे। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं, पार्टी नेतृत्व में मुझे पूरा विश्वास हैं। कुछ चीजें ऐसी होती है, जो पार्टी नेतृत्व के लिए करना पड़ती हैं।
आगे की आपकी रणनीति क्या होगी। इस पर गोपाल भार्गव ने कहा कि रण जब आएगा तब नीति दिखाएंगे। ऐसा कोई समय नहीं आया है और रण तो भारतीय जनता पार्टी की ही है, सामने कोई नहीं है। भाजपा (BJP) का किसी से कोई मुकाबला नहीं हैं।