तमाम चर्चाओं के बीच तिहाड़ जेल से आ रही है बड़ी खबर, जहां निर्भया के दोषियों को दी जाएगी फांसी, क्या आपको पता है?

नई दिल्ली / खाईद जौहर – साल 2012 Delhi Nirbhaya मामले के दोषियों को 16 दिसंबर को फ़ासी दी जानी हैं। इन दोषियों को दिल्ली की तिहाड़ में 16 दिसंबर को सुबह फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। लेकिन उस से पहले तिहाड़ जेल से बड़ी खबर सामने आ रहीं हैं।
दरअसल तिहाड़ जेल संख्या-3 पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इस जेल में ही फांसी की सजा पाए दोषियों को फंदे पर लटकाया जाता है। बता दे कि इस जेल में एक खुले अहाते में ही फांसी घर बना हुआ हैं। वहीं, जेल अधिकारियों का कहना है कि 2013 में आतंकी अफजल को हुई फांसी के बाद से यह घर बंद था, लेकिन अब इसे खोला गया हैं।
जेल अधिकारियों का कहना लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को यहां बने तमाम ढांचों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर फांसी घर का इस्तेमाल कभी भी किया जा सके। इसके साथ ही जानकारी यह भी मिली है कि सिविल से जुड़े कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं। झाड़ियों व घास को साफ किया जा रहा हैं।
ऐसे दी जाती है फांसी
फांसी की सजा पाए कैदियों को आमतौर पर सूर्योदय के बाद ही फांसी की सजा देने का रिवाज हैं। दोषियों को फांसी घर लाने से पहले सुबह पांच बजे नहलाया जाता हैं। गर्मी में सुबह छह बजे और सर्दी में सात बजे फांसी की सजा दी जाती हैं। फांसी पर लटकाने का काम आमतौर पर जल्लाद का होता है, लेकिन जल्लाद के न होने पर यह कार्य जेल का कर्मचारी भी कर सकता हैं।
बता दे कि फांसी देने से पहले मजिस्ट्रेट दोषी से उसकी आखिरी इच्छा के बारे में पूछते हैं। इसके बाद दोषी को काला कपड़ा पहनाकर फांसी घर लाया जाता हैं। फांसी घर लाने के बाद दोषी के हाथ व पैर को रस्सी या हथकड़ी से बांध दिया जाता है। इसके बाद दोषी के मुंह को काले रंग के कपड़े से ढका जाता हैं। इसके बाद वहां लगे लीवर को दबाते ही जिस व्यक्ति को फंदा लगाया जाता है वह छत के नीचे लटक जाता हैं।