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उपचुनाव से पहले भाजपा-कांग्रेस के सभी नेता दिखा रहे दम

 मध्यप्रदेश /भोपाल (Bhopal) – : प्रदेश में होने वाले 24 विधानसभा उप चुनाव को लेकर शहर  की सियासत गर माने लगी है। भाजपा(BJP) और कांग्रेस(Congres ) दोनों में आपसी  घमासान तेज हो गया है। पार्टी के नेता अभी से अपनी गोटियां बिठाने लगे हैं। कोई इशारों से तो कोई खुले आम अपनी-अपनी  दावेदारी जता रहा है। प्रदेश में चल रही राजनीति को देखकर  तो साफ होने लगा है कि सत्ताधारी भाजपा और 15 महीने  में ही सत्ता से बेदखल हुई कांग्रेस के लिए ये चुनाव आर-पार की लड़ाई बन गए हैं। दोनों पार्टियों की अंदरुनी राजनीति भी सतह पर आने लगी है।  उम्मीदवारी जताने लगे है तो कुछ उनकी उम्मीदवारी पर अपनी नाराज गी भी दिखा रहे हैं। मेहंगाव से चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और सांवेर से प्रेमचंद गुड्डू की अघोषित दावेदारी के विरोध के बाद अब ग्वालियर-चंबल की पोहरी सीट भी चर्चा में आ गई है।

सुर्खियों में आई सुरखी बाते

बुंदेलखंड की सबसे अहम विधानसभा सीट में से एक सुरखी इन दिनों सुर्खियों में है। इस सीट से 2018 में कांग्रेस से गोविंद सिंह राजपूत चुनाव जीते थे लेकिन अब वे भाजपा में शामिल होकर विधायकी गंवाकर मंत्री बन गए हैं। यहां के उपचुनाव में वे डेढ़ साल बाद फिर चुनाव मैदान में होंगे लेकिन इस बार भाजपा से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा के स्थानीय नेता अंदरुनी तौर पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से नाराज दिखाई दे रहे हैं। सुरखी से विधायक रहीं पारुल साहू ने 2013 में गोविंद राजपूत को हराया था। वे यहां से चुनाव लडऩे के लिए बड़ी दावेदार भी नजर आती हैं। पारुल साहू ने साफ तो कुछ नहीं कहा पर इशारों के मायने निकाले जा रहे हैं। पारुल ने कहा कि उप चुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी इसका फैसला उनके कार्यकर्ता करेंगे। वे अपने हर कदम का फैसला कार्यकर्ताओं की मंशा के आधार पर ही करती हैं। पारुल ने कहा कि सुरखी से कौन उम्मीदवार होगा ये पार्टी को तय करेगी। हरी में भी फंसा है पेंच

शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट में कांग्रेस की तरफ से त्रिकोण बन रहा है। यहां से 2  बार विधायक रहे हरिवल्लभ शुक्ला इस सीट के सबसे बड़े दावेदार के रुप में सामने आए हैं। इसके अलावा पूर्व विधायक रामनिवास रावत और अशोक सिंह भी यहां के दावेदार कही जा रहे हैं। पोहरी में किरार मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं, यहां से पिछली बार सुरेश धाकड़ चुनाव जीते थे जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए। अब  भाजपा से उम्मीदवार होंगे। हरिवल्लभ शुक्ला कहते हैं कि पोहरी उनकी स्थानीय सीट है  पहले भी यहां से विधायक रहे चुके हैं, इसलिए उनकी दावेदारी यहां पर बनती है। शुक्ला ने कहा कि रावत और अशोक सिंह बाहरी उम्मीदवार हैं। शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस को इस समय जिताउ उम्मीदवार चाहिए क्योंकि ये चुनाव आम नहीं खास चुनाव हैं और वे जीतने वाले उम्मीदवार हैं।

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