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भोपाल : सरकारी अस्पतालों की हालत ख़स्ता, डॉक्टर्स छोड़ रहे नौकरी, कहा बढ़ रहा है राजनीतिक दबाव

भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते 10 महीने के भीतर सरकारी अस्पतालों में 13 से ज्यादा डॉक्टर्स नौकरी छोड़ चुके हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 7 डॉक्टर्स ने सुल्तानिया अस्पताल से नौकरी छोड़ी है।

वहीं, अब ज्यादातर डॉक्टर्स प्राइवेट अस्पतालों की तरफ नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। स्थिति ये है कि भोपाल समेत प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में 3000 डॉक्टर्स की जरूरत है और 1 हजार पद खाली पड़े हुए हैं।

सुल्तानिया अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि हमपर प्रशासनिक दबाव बना रहता है। गंभीर से गंभीर मामलों में विशेषज्ञ डॉक्टर्स देखकर मरीज़ों का इलाज करते हैं। बावजूद इसके छोटे-छोटे मामलों में डॉक्टर्स को शर्मिंदा किया जाता है। छोटी सी भी गलती डॉक्टर्स को बड़ी मुसीबत में डाल देती है। इन सभी कारणों के बीच नौकरी करना आसान नहीं है।

जबकि, इस पूरे मामलें में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि प्रमोशन पॉलिसी अच्छी नहीं है। अच्छे कार्य की शासन में कोई कद्र नहीं है। दिनों दिन प्रशासकीय और राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है।प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के सेवा भर्ती नियम सबसे घटिया है। ये ही सब कारणों से डॉक्टर्स नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।

 

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