मेधा पाटकर के नेतृत्व में आज भोपाल में बाढ़ पीड़ितों के मुआवजे के लिए प्रदर्शन, कमलनाथ सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
- आज बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों ने भोपाल के शाहजहांनी पार्क से नर्मदा भवन तक मुआवजा समेत कई मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया
- प्रदर्शनकारियों ने सरकार के समक्ष विस्थापितों की नित नयी आने वाली परशानियों समेत कई अन्य मांगें रखीं
- उनका कहना है कि कोई सरकार हमारे लिए कुछ नही करना चाहती
भोपाल
मध्यप्रदेश में नर्मदा विस्थापितों कि लड़ाई जारी है। आज बाढ़ से प्रभावित हजारों लोगों ने भोपाल के शाहजहांनी पार्क से नर्मदा भवन तक मुआवजा समेत कई मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान नर्मदा भवन का घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने अंदर जाने से रोक लिया है। विरोध में नर्मदा बचाओ आंदोलन कि अगुवाई कर रहीं मेधा पाटकर, डॉ. सुनीलम, राकेश दीवान और राजेंद्र कोठारी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग नर्मदा भवन का घेराव कर बैठ गए. इस सब को देखते प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के समक्ष विस्थापितों की नित नयी आने वाली परशानियों समेत कई अन्य मांगें रखीं।
वहीं मेधा पाटकर ने इस पुरे मामले पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कहा कि अस्थाई पुनर्वास केंद्रों में रह रहे लोगों के लिए जिला प्रशासन ने भोजन देना बंद कर दिया है, मवेशियों के लिए भी चारा नहीं दे रहे हैं। इससे लोगों में शासन के प्रति आक्रोश व्याप्त हैं।
वहीँ उनका कहना है कि कोई सरकार हमारे लिए कुछ नही करना चाहती।
कई बार आश्वासन देने के बाद भी सरकार ने मांगों को दरकिनार किया है. बता दें गुजरात में नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध पूरी तरह भर गया जिस कारण बैक वाटर का स्तर बढ़ गया है, जिससे मप्र के धार जिले के निसरपुर समेत कई गांव बाढ़ कि चपेट में हैं।