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भोपाल : कोरोना से 84 मौतें, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 5 मौतें, क्यों आकड़े छुपा रहीं है सरकार?? 

मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमित मरीज़ो के आकड़ो के साथ साथ मौत का आकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा हैं। हालात तो ऐसे हो गए कि भदभदा विश्रामघाट, सुभाष नगर विश्राम घाट और झदा कब्रिस्तान में भी जगहें कम पड़ने लगी हैं। लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में मौत का आकड़ा बेहद कम हैं। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक हर रोज़ भोपाल 2 से 3 या फिर 3 से 5 मौते दर्ज हो रहीं हैं। जबकि हकीकत ये है कि शव ज़्यादा है और जगह कम हैं। 

प्रदेश में मंगलवार काे 8998 नए संक्रमित मिले। यह पूरे काेराेनाकाल का सबसे बड़ा आंकड़ा हैं। 40 काेविड मरीजाें की माैत भी हुई। वहीं, भाेपाल में 1497 मरीज मिले और 84 शवाें का काेविड प्राेटाेकाॅल के तहत अंतिम संस्कार हुआ। इनमें 64 भाेपाल के हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि पूरे प्रदेश में काेराेना से सिर्फ 40 माैतें हुई हैं। इन्हें मिलाकर अब तक काेराेना से 4261 लाेग जान गंवा चुके हैं। अब प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीज 43539 हो गए हैं।

बता दे कि बीते 24 घंटे में प्रदेश में 2509 मरीज, 4888 एक्टिव केस और संक्रमण दर 2.1 फीसदी बढ़ चुकी हैं। 

जो खबरें सामने आई है उसके मुताबिक मंगलवार को भदभदा, सुभाषनगर विश्राम घाट और झदा कब्रिस्तान पर 84 शवों का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार हुआ। भदभदा पर हालात ऐसे हैं कि जगह कम पड़ गई तो 30 नए चिता स्थल बनाना शुरू कर दिए हैं, जबकि 30 चार दिन पहले ही बने हैं। कोरोना का कहर ऐसा कि पिछले पांच दिनों से रोज 50 से ज्यादा शव श्मशानों-कब्रिस्तानों में पहुंच रहे हैं। लेकिन सरकारी आंकड़ों में इन 5 दिनों में सिर्फ 10 मौतें दर्ज हैं। आज जब शहर में 84 अंतिम संस्कार हुए तो सरकारी आंकड़ों में भोपाल में सिर्फ 4 मौतें लिखी गईं।
 

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