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मैं सांसद हूं, एक सन्यासी भी हूं, मुझे रीढ़ की हड्डी और पैरों में भी तकलीफ है, इसलिए स्पेशियस सीट चाहिए थी

भोपाल से खाईद जोहर की रिपोर्ट –  अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाली भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। दरअसल कुछ दिनों पहले स्पाइस जेट (Spice Jet) में सीट विवाद का मामला सामने आया था, जो थम ज़रूर गया था, लेकिन बीजेपी सांसद ने एक बार फिर इस मामले में आग लगा दी हैं। बीजेपी सांसद ने इस विवाद को लेकर एक और बड़ा बयान दिया हैं, जिसके बाद प्रदेश की सियासत फिर से गरमा गई हैं। 

बता दे कि कुछ दिनों पहले साध्वी प्रज्ञा दिल्ली से भोपाल आ रही थी, इस दौरान उनको अपनी पसंद की सीट नहीं मिली। जिसके बाद वो विमान पर भी धरने पर बैठ गई थी। अब इस मामले को लेकर एक नया मोड़ आ गया हैं। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि चाहे जो हो मैं नियम बदलने तक अपनी लड़ाई लड़ती रहूंगी। उन्‍होंने कहा कि भले ही सीट बदली गई, लेकिन रूलबुक क्यों नहीं दी गई। मैं सासंद होने के नाते रुताबा नहीं दिखा रही बल्कि एक सामान्य नागरिक के नाते नियम बदलने तक अपनी लड़ाई आगे तक लड़ूंगी। एयरलाइन में नियम बदलेगा या फिर इमरजेंसी सीट (Emergency seat) बनेगी। 

सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का कहना है कि लोगों को लगा कि मैं वीआईपी रुतबा दिखा रही हूं। मैं सामान्य व्यक्ति और जिम्मेदार सांसद हूं। यात्रा नियमों के अंतर्गत करें ताकि हम भी सुरक्षित रहें और लोग भी सुरक्षित रहें। जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं ऐसा करूंगी तो जनता को क्या जवाब दूंगी। 

बीजेपी सांसद ने कहा कि एक सामान्य व्यक्ति की तरह मैं यात्रा कर रही थी। मुझे व्हीलचेयर से विमान तक लाया गया और वहां बैठा दिया गया। इसके थोड़ी दूर बाद मुझे उस सीट से उठा दिया गया। उठाने पर जब मैंने कारण पूछा तो बोला इमरजेंसी सीट है। साथ ही सांसद ने कहा कि वो सीट मुख्य द्वार से पार्टिशन के बाद की सीट थी और ना उस पर इमरजेंसी लिखा था। हैरानी बात ये है कि वो गेट नहीं खुलता है, बस मुझे हटाया जा रहा था। 

सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह यही नहीं रुकी उन्होंने आगे कहा कि सांसद मैं हूं, एक सन्यासी भी हूं। मैं कभी किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करती हूं और मैं उल्लंघन करने भी नहीं देती हूं। गलत काम करने का विरोध भी करती हूं। मुझे रीढ़ की हड्डी और पैरों में भी तकलीफ है, तभी मुझे स्पेशियस सीट चाहिए थी ताकि पैरों को थोड़ा फैलाकर रख सकूं। यही वजह है कि मैंने ए-वन सीट के लिए अतिरिक्त भुगतान भी किया था। 

साथ ही उन्‍होंने कहा कि आगे भी लड़ाई लड़ूंगी, क्योंकि या तो ये नियम बदलेगा या फिर इमरजेंसी सीट बनेगी। 
 

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