भोपाल: दीपावली के दिन आशा, ऊषा कार्यकर्ताओं का सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
- MP सरकार ने 4 माह बाद भी पूरा नहीं किया वेतन वृद्धि का वादा
- विरोध में आशा, ऊषा और सहयोगी कार्यकर्ताएं
भोपाल/अंजली कुशवाह: प्रदेश में चयनित शिक्षकों का मामला अभी पूरी तरह से शांत नहीं हुआ हैं कि मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ एक नया मोर्चा खुल गया हैं. बता दें कि 4 माह बाद भी वेतन वृद्धि का आश्वासन पूरा नहीं होने के कारण आशा, ऊषा और सहयोगी कार्यकर्ता 4 नवंबर दीपावली के दिन राजधानी भोपाल में विरोध प्रदर्शन करेगी.
कोरोना योद्धाओं को सरकार ने कुछ नहीं दिया
आशा, ऊषा और आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ की प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कौरव ने कहा कि मुख्यमंत्री दीपावली से पूर्व कर्मचारियों के विभिन्न तबकों को महंगाई भत्ता एवं वेतन वृद्धि का हिस्से का तोहफा देकर शुभकामनायें दे रहे है, लेकिन सबसे कम वेतन में काम करने वाली, जान जोखिम में डाल कर काम करने वाली कोरोना योद्धा आशा ऊषा एवं सहयोगी को सरकार ने कुछ नहीं दिया और न ही दीपावली की शुभकामनायें दी.
प्रदेश की आशा, उषा और सहयोगिनी बहनों को यह उम्मीद थी कि स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन को सरकार दीपावली से पहले जरूर पूरा करेगी. लेकिन मुख्यमंत्री भाई ने ऐसा नहीं किया, जोकि बेहद अन्यायपूर्ण है. जबकि बहुत से अन्य विभागों के कर्मचारी और कार्यकर्ताओं की बहुत सी मांगो को मान कर दीपावली का उपहार दिया गया है.
मांग पूरी न होने पर 5 नवंबर से अनिश्चित काल तक धरना
मुख्यमंत्री के इस अन्यायपूर्ण व्यवहार के विरोध में 4 नवम्बर 2021 को दीपावली पर राजधानी भोपाल में विरोध प्रदर्शन करने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. लक्ष्मी कौरव ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिले से आशा, ऊषा और सहयोगिनी राजधानी के नीलम पार्क में प्रदर्शन करने पहुंचेगी. यदि दीपावली के दिन हमारे मांगो को पूरा नहीं किया जाता है तो 5 नवंबर से अनिश्चित काल के लिए धरने पर बैठ जाएंगे.
क्या है कार्यकर्ताओं की मांगे
जानकारी के अनुसार कौरव ने बताया कि 24 जून को हुआ जिसके दौरान नेशनल हेल्थ मिशन पूर्व संचालिका छवि भारद्वाज के द्वारा आशा कार्यकर्ता को 10 हजार और सहयोगी कार्यकर्ता को 15 हजार देने का प्रपोजल विभाग को भेजने की बात स्वीकार की एवं मीटिंग के दौरान मिनिट्स भी नोट किए गए. जिसमें विभाग को भेजे प्रस्ताव में आशा सहयोगी को 25 दिवस की जगह पूरा 30 दिवस का भुगतान किया जाएगा. सहयोगी को सुपरवाइजर का दर्जा दिया जाएगा. एएनएम की भर्ती में स्पेशल वेटेज दिया जाएगा. गवर्नमेंट एवं प्राइवेट सेक्टर में एएनएम डिप्लोमा की हुई आशा वर्कर को एएनएम में सीधी भर्ती किया जाएगा. इसके अलावा यूनिफॉर्म एवं अन्य मदों में रुका हुआ पैसा समय पर दिया जाएगा. कोविड का भुगतान किया जाएगा. कोविड-19 में मृतक आशा कार्यकर्ताओं को 50 लाख के बीमा राशि में शामिल किया जाएगा.
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हैं कि प्रदेश सरकार के खिलाफ ये पहला मोर्चा हैं. इससे पहले भी चयनित शिक्षकों द्वारा रक्षाबंधन के समय विरोध प्रदर्शन का मामला भी सामने आया था. जिसके बाद सरकार को उनकी मांगो को लेकर कार्यवाही करनी पड़ी. अब आगे ये देखना होगा कि आशा, ऊषा और सहयोगी कार्यकर्ताओ द्वारा अपनी मांगो को लेकर किये जाने वाले प्रदर्शन पर सरकार क्या कदम उठाएंगी.