किसान बोले, अब लड़ाई आर पार की, दिल्ली के बचे कुचे रास्ते भी करेंगे बंद
नई दिल्ली – पिछले नौ दिनों से लाखों की संख्या में पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली की अलग-अलग राज्यों से लगने वाली सीमाओं पर डटे हुए हैं। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो नाम से शुरू किया गया आंदोलन अब देशव्यापी आंदोलन बन चुका हैं। यहां जमा किसानों और प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, और बढ़ रहा है उनको मिल रहा समर्थन भी।
वहीं, किसानों की सरकार के साथ दो दौर की वार्ता का भी कोई नतीजा नहीं निकला हैं। पहली वार्ता 3 दिसंबर को हुई, दूसरे दौर की वार्ता 5 दिसंबर को हुई, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
इधर, किसानों का साफ़ कहना है की तीनों कानून को रद्द करे बिना नहीं मानेंगे। सरकार कुछ संशोधन करने को तैयार है लेकिन हमने सरकार से साफ कहा है कि सरकार तीनों कानून वापस ले। किसानों का कहना है कि सरकार बिजली कानून और पराली जलाने को लेकर जुर्माना पर मानती दिख रही हैं। लेकिन हम सभी किसानों को बोलते हैं कि वो यहां आएं, लड़ाई आर पार की है हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। किसानों ने 8 दिसंबर (मंगलवार) को पूरे भारत में बंद का आह्वान किया हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि हम 8 दिसंबर को पूरे देश के टोल प्लाजा फ्री करेंगे और जो दिल्ली के बचे कुचे रास्ते हैं उन्हें भी बंद करेंगे।