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Bank Fraud:- साइबर फ्रॉड की सीधी में बढ़ गई घटनाएं, एटीएम बदलकर खातों से निकाली जा रही है रकम

  • खातों से निकल जाती है रकम, पुलिस भी लाचार, साइबर फ्रॉड की जिले में बढ़ रही घटनाएं, एटीएम बदलकर खाते में लगाई जा रही सेंध

सीधी सेेेे गौरव सिंह की रिपोर्ट:- जिले में साइबर फ्राड की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। शातिर दिमाग बदमाश लोगों को शिकार बना रहे है। अपवाद के रूप में इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश मामले में न तो आरोपी पकड़े जाते हैं और न ही रुपए ही पीडि़त को वापस मिल पाते है। हैरानी की बात तो यह है कि तमाम जागरुकता के बाद भी आसानी से लोग इनके झांसे में आ जाते है। शहर के भीतर एटीएम में ठगी की हर माह कई शिकायते थानो में पहुंचती है। ठगी का तरीका लगभग एक ही तरह का रहता है। बदमाश एटीएम मशीनों को हैक कर देते है। जैसे ही पीडि़त रुपए निकालने जाता हैं तो उसके रुपए नहीं निकलते है। बाद में बाहर खड़ा व्यक्ति मदद करने लगता है और उसका कार्ड बदलकर रुपए निकाल लेता है। लोगों को पता तब चलता है जब तक बदमाश रुपए निकालकर चंपत हो जाते है। आए दिन लोग इस लरह की ठगी का शिकार होते हैं। शातिर दिमाग बदमाश एटीएम मशीनों के आसपास ही सक्रिय रहते है। इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस द्वारा एटीएम बूथों को चेक करने की कार्रवाई की जा रही थी लेकिन अब वह भी बंद है। एटीएमों में ठगी कर रुपए निकालने के करीब दर्जन भर मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इन मामलों में लोगों के लाखों रुपए निकल गए है जो अब अपने रुपए पाने के लिए थानों के चक्कर लगा रहे है जहां उनको आश्वासन देकर चलता कर दिया जाता है। एटीएमों में बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस द्वारा एटीएम बूथों में लोगोंं जागरुक करने के लिए पोस्टर लगवाए गए हैं जिसमें रुपए निकालते समय लोगों को अहतियात बरतने की समझाइश दी गई है लेकिन लोगों में जागरूकता नहीं आ रही है।
बैंकों ने कराया बीमा, एटीएम बूथ पर नहीं है गार्ड-
बैंकों ने एटीएम मशीनों का बीमा करवा लिया है। यही कारण है कि एटीएम बूथों में सुरक्षाकर्मी नहीं है। इससे बैंकों की बचत तो होती है लेकिन पीडि़त लुट रहे हैं। दरअसल बीमा करवाने के याद बैंकों ने एटीएम बूथों में सुरक्षाकर्मी रखना बंद कर दिया है जिससे पैसा निकालते समय भीड़भाड़ में बदमाश भी सक्रिय रहते हैं। अपनी बचत करने के चक्कर में बैंक ग्राहकों को लुटवा रहे हैं। इतना ही नहीं बैंकों द्वारा घटना होने पर सीसीटीवी फुटेज देने में भी लंबा समय लगा दिया जाता है तब तक आरोपी पुलिस की पहुंच से काफी दूर निकल जाता है।
कैसे करते हैं वारदात
एटीएम मशीन को बदमाश हैक कर देते हैं। जब कोई रुपए निकालने जाता है तो उसके रुपए नहीं निकलते है। बाद में मदद के बहाने वे उसका कार्ड बदल लेते हैं और पिन नंबर देखकर खातों से रुपए निकाल लेते हैं। मोबाइल पर खुद को बैंक अधिकारी बनकर फोन करते हैं और एटीएम कार्ड की जानकारी लेकर खाते से रुपए निकालते हैं। एटीएम मशीन में बदमाश कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते हैं। मशीनों को हैक करके ये पीडि़त के नंबर का दूसरा कार्ड बना लेते है। मशीन की बटन में एक पालीथीन लगा देतेे हैं। जब भी पीडि़त पिन नंबर डालता है तो वह पालीथीन में अंकित हो जाता है। लोगों को इनाम व लाटरी फंसने का झांसा देकर उनसे खाते में रुपए जमा करवाते हैं और लालच में लोग लाखों रुपए खातों में डाल देते हैं। इंटरनेट पर विभिन्न नामी कंपनियां के नाम पर फर्जी बेवसाइट बनाते हैं और उसमें अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर लेते हैं कोई भी ऐजेंसी के लिए फोन करता है तो वह उनके झांसे में आ जाता है।

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