सीधी :- इस जिले में कोरोनावायरस से अभी तक एक भी मौत नहीं, फिर भी दहशत में लोग

- कोरोना वायरस से जिले में अभी तक एक भी मौत नहीं फिर भी दहशत के साए में जिंदगी बिता रहे लोग
सीधी से गौरव सिंह की रिपोर्ट :- सीधी जिले में इस महामारी से पूर्व भी एक बीमारी ने एक सैकड़ा लोगों की जिंदगी एक पखवाड़े में छीन ली थी, तब के समय में इतनी दहशत में लोगों के द्वारा जीवन ब्यतीत नहीं किया था किंतु कोरोना वायरस से जिले में अभी तक एक भी मौत की प्रशासनिक पुष्टि नहीं है इसके बाद भी लोग दहशत के साए में जीवन जीनें को मजबूर दिख रहे हैं। प्रशासनिक कसावट के साथ वायरस के भय से लोग सुरक्षा को लेकर घरों में छिपे हुए हैं। बुजुर्गों की मानें तो आजादी के बाद किसी महामारी को लेकर पहली बार इतनी दहशत देखने को मिल रही है।
जब एक एक पखवाड़े में सैकड़ो की हुई थी मौत–
वर्ष 2012 में सीधी जिले में मादा एनोफिलीज मच्छर आतंक के पर्याय बन गए थे। नवंबर महीनें में सीधी जिलें में एक पखवाड़े के अंदर 108 लोगों की मौत मलेरिया से हुई थी। मृतकों की यह स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किया गया था, जबकि हकीकत यह थी कि इस समय में सीधी जिले में मलेरिया से दो सैकड़ा से ज्यादा लोगों ने जिंदगी गंवाई थी, एक ही घर से कई लाशे उठी थी।
मुख्यमंत्री को आना पड़ गया था सीधी–
वर्ष 2012 मेंं नवंबर माह में मलेरिया से मृतकों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही थी। प्रशासन के द्वारा सभी विभागों को मलेरिया से रोकथाम व रोगियों की सेवा में लगा दिया गया था, इसके बाद भी रोजाना लाशें स्मशान घाट पहुंच रही थी। तब मजबूर होकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री को सीधी आकर खुद मोर्चा संभालना पड़ा था। मुख्यमंत्री सीधी जिले में दो दिन रुककर स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने सहित प्रभावित गांवों का दौरा किए थे। लंबी मसक्कत के बाद दिसंबर माह में तेज ठंड शुरू हो जाने के बाद लोगों को राहत मिली थी।
छिन गई थी कलेक्टरी–
सीधी के मच्छर वर्ष 2012 में इतने उत्पाती हो गए थे कि कलेक्टर की कुर्सी तक छीन लिए थे। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के द्वारा प्रशासन को आड़े हांथो लेते हुए धरने पर बैठ गए थे। तब मजबूर होकर मुख्यमंत्री को सीधी कलेक्टर एसएन शर्मा, सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को हटाना पड़ा था। इस कार्रवाई से प्रशासनिक अमले मे हलचल मच गई थी। वर्तमान दौर में कोरोना वायरस से पीडि़त अभी तक सीधी जिले में एक भी पाजिटिव मरीज नहीं पाए गए हैं, फिर भी वर्ष 2012 की अपेक्षा लोग ज्यादा दहशत में दिखाई दे रहे हैं।