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नियमितीकरण मुद्दे पर बनी सरकार नियमित करके ही जनता के बीच जाएं सीएम शिवराज:- अतिथि विद्वान

नियमितीकरण मुद्दे पर बनी सरकार नियमित करके ही जनता के बीच जाएं सीएम शिवराज:अतिथि विद्वान

नौ महीने से बेरोज़गारी का दंस झेल रहे हैं हजारों फालेन आउट महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान

 भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव :- जिन महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण मुद्दे पर मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी उसी मुद्दे को भूलती हुई प्रतीत हो रही है।आज पूरा प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा देश जानता है कि अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण मुद्दे पर ही राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी और बीजेपी में शामिल हुए और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने।अतिथि विद्वानों के चर्चित भविष्य सुरक्षा यात्रा और शाहजहानी पार्क के आंदोलन में खुद वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए थे और उन्होंने कहा था कि 'टाइगर अभी जिंदा है' जिस दिन हमारी सरकार बनेगी उसी पहली कैबिनेट में अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का आदेश निकल जाएगा लेकिन विडम्बना देखिए कि सरकार बनी सत्ता मिली लेकिन 7 महीने की सरकार बने हो गया लेकिन जिन अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण के नाम पर सड़क और सत्ता का खेल खेला गया वो अतिथि विद्वान आज भी सड़क पर हैं, दर दर की ठोकरें खा रहे हैं जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।संघ के अध्यक्ष वा मोर्चा के संयोजक देवराज सिंह ने कहा कि प्रदेश में पिछले 25 वर्षों से मप्र के शासकीय महाविद्यालयों में छात्र छात्राओं का भविष्य गढ़ने वाले खुद अपने अनिश्चित भविष्य के चलते आए दिन आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं पर अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण राजनैतिक दलों का चुनावी जुमला बन कर रह जाता है।सरकार से अनुरोध है कि मप्र के उपचुनाव के पूर्व अतिथि विद्वानों को रोजगार की सुरक्षा का फैसला ले और अतिथि विद्वानों का विश्वास जीते।
हजारों बेरोजगार अतिथि विद्वानों को 7 महीने की सरकार नहीं दे पाई रोज़गार
संघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आज सरकार को बने हुए 7 महीने होने को हैं लेकिन अभी भी हजारों उच्च शिक्षित अतिथि विद्वान फालेन आउट होकर पिछले नौ महीने से बेरोजगार हैं।कैबिनेट से मंजूरी के बाद भी सात महीने से 450 पद पृष्ठांकन के नाम पर रोक दिए हैं।सरकार से आग्रह करते हुए डॉ पांडेय ने कहा कि तत्काल बाहर हुए अतिथि विद्वानों को व्यवस्था में लें व लगातार होती विद्वानों की आत्महत्या को सरकार रोके और अतिथि विद्वानों को नियमित कर जीने का अधिकार दे।
25 वर्षों से सिर्फ़ मिला नियमितीकरण का आश्वासन अब तो नियमित करो मामा शिवराज
महिला अतिथि विद्वान डॉ ज्योति सिंह ने सूबे के मुखिया मामा शिवराज सिंह चौहान जी से आग्रह करते हुए कहा कि पिछले 25 वर्षों से उच्च शिक्षा को अपने खून पसीने से सींचने वाले अतिथि विद्वानों को सिर्फ़ नियमितीकरण का कोरा आश्वासन मिला है।शिवराज सिंह जी ने हमारे आंदोलन में आकर हमसे वादा किया था कि हम अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण करेंगे तो अब मामा आपकी सरकार है तो अब देर किस बात की?उप चुनाव से पहले अतिथि विद्वानों को नियमित कर अपना आशीर्वाद दीजिए जिससे हम अतिथि विद्वान भी सम्मान की जिंदगी जी सकें क्योंकि नियमितीकरण की आस में कई विद्वान काल के गाल में समा चुके हैं अब अतिथि विद्वानों को नियमित कर पुनर्वास करें।

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