अन्न महोत्सव: करोडों रुपए खर्च कर गरीबों को बांटा सड़ा हुआ अनाज
अन्न महोत्सव: करोडों रुपए खर्च कर गरीबों को बांटा सड़ा हुआ अनाज
भोपाल:
मध्यप्रदेश में शनिवार को धूम-धाम से अन्न उत्सव मनाया गया, जिसने कई राज्य के मंत्री और विधायक शमिल हुए थे। राज्यभर में मुफ्त राशन बांटने के लिए प्रचार प्रसार में करोड़ों रुपए खर्च हुए। लेकिन, जब गरीबों को करोड़ों का राशन बाटा गया तो उसमे सड़ा हुआ अनाज निकला जिसमे घुन लगी हुई थी।
प्रदेश के अन्य जिलों की तरह छिंदवाड़ा में भी गाजे-बाजे के साथ गरीबों को पांच किलो अनाज दिया जा रहा था। जिले के एफडीडीआई सभागार में इस महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी को बुलाया गया था। यहां बीजेपी के बैनर तले प्रशासन के सभी अधिकारी भी मौजूद थे। हैरानी की बात ये है कि पीएम मोदी की बड़ी सी तस्वीर लगे जिस थैली में अनाज बांटकर राज्यसभा सांसद ने तस्वीरें खिंचवाई थी, उस झोले से सड़ा हुआ और घुन लगा गेहूं निकला। जिले के वार्ड नंबर 35 के रहने वाले मजदूर मनोहर ने ऑन कैमरा अपना राशन किट खोलकर दिखाया, जिसमें देखा तो गेहूं पूरी तरह से घुने हुए थे। मनोहर से जब ये पूछा गया कि इस गेहूं का आप क्या करोगे तो उन्होंने भरे गले से जवाब दिया कि क्या करेंगे, पेट पालने की मजबूरी है, इसे ही खाएंगे।
यह कोई अकेला मामला नहीं है, राज्यभर से इस तरह की जानकारियां सामने आई हैं। इसी तरह सतना जिले के अमरपाटन के इटमा ग्राम पंचायत अंतर्गत कोठार गांव के शासकीय उचित मूल्य की दुकान जुड़मनिया में भी बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में अन्न उत्सव कार्यक्रम मनाया जा रहा था। यहां भी हितग्राहियों को सड़ा हुआ गेहूं दिया गया। ग्रामीणों ने गेहूं का वीडियो बनाया है जिसमें देखा जा सकता है कि गेहूं सड़कर काले हो गए हैं। पन्ना जिले से भी इसी तरह की खबर आई है।
उधर जबलपुर में राशन के लिए भूखे-प्यासे घंटों लाइन में खड़े रहने की वजह से एक बुजुर्ग चक्कर खाकर गिर गए। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग व्यक्ति सुबह से राशन के लिए लाइन में खड़े थे। हद्द तो तब हो गई जब जिला प्रशासन ने पीड़ित के लिए एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं करवाई। वहां मौजूद अन्य हितग्राहियों ने उन्हें उठाया। यहां काफी देर के बाद नगर निगम की लोडिंग वाहन आई तब उन्हें ले जाया गया।
मध्य प्रदेश खाद्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी फैज अहमद किदवई ने बताया कि इस अन्न उत्सव के आयोजन के लिए (साजो-सज्जा व अन्य व्यवस्था) राज्यभर के 25 हजार 435 पीडीएस दुकानों को सरकार की ओर से 2000 रुपए दिए गए हैं। प्रति दुकान 2000 रुपए के हिसाब से जोड़ा जाए तो कुल 5 करोड़ 8 लाख 70 हजार रुपए खर्च हुए। ये रकम तो केवल पीडीएस दुकानों पर खर्च किए गए हैं, अखबारों के विज्ञापन, होर्डिंग पोस्टर्स और पीएम की तस्वीर लगी थैलों के खर्चे का कोई हिसाब नहीं मिल पाया है।
कांग्रेस ने इस पूरे इवेंट को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि, “हमारे पास इस बात के सुबूत हैं कि सरकार द्वारा पीडीएस दुकान संचालकों पर बीजेपी के झंडे, माइक साउंड और मंच लगाने के लिए दबाव बनाया गया। कुछ संचालकों ने आपत्ति जताई तो उन्हें कहा गया कि आप राशन भले ही 2 किलो कम बांटो लेकिन व्यवस्था में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।” मिश्रा ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “एक ओर शिवराज सरकार कंगाली का रोना रो रही है, वहीं दूसरी ओर दूसरे राज्यों के मंत्रियों और प्रमुख सचिवों को अपने खर्चे पर बुलाया है।” उन्होंने मांग की है कि ये खर्च किस मकसद से हुए है यह सरकार को बताना चाहिए।