टू मच डेमोक्रेसी:- लोकसभा का शीतकालीन सत्र निरस्त, क्या देश में सिर्फ चुनावी रैलियां होंगी???
टू मच डेमोक्रेसी:- लोकसभा का शीतकालीन सत्र निरस्त, क्या देश में सिर्फ चुनावी रैलियां होंगी???
टू मच डेमोक्रेसी:- लोकसभा का शीतकालीन सत्र निरस्त, क्या देश में सिर्फ चुनावी रैलियां होंगी???
सरकार अब कोरोना का हवाला देकर लोकसभा का शीतकालीन सत्र भी निरस्त कर रही है. ऐसा मालूम हो रहा है कि जैसे बीजेपी की रैलियों में नहीं बल्कि इन सत्र में कोरोना विशेष रुप से आने वाला है..
भाजपा अपनी रैलियां कर रही है, नेता और जनप्रतिनिधि दौरे कर रहे हैं पर तब इन पर कोरोना को लेकर कोई भी नियम लागू नहीं होते हैं पर जैसे ही किसी जरूरी जमावड़े की बात हो तो कोरोना का हवाला दिया जाता है.
संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू होता है जबकि बजट सत्र जनवरी के अंतिम हफ्ते से शुरू होता है और एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाता है। महामारी के बीच 14 सितंबर से आहूत मॉनसून सत्र की अवधि आठ दिन कम कर दी गयी थी और 24 सितंबर को सत्र समाप्त हो गया…
पर इस दौरान बहुत से लोग कोरोना पाए गए.. जिसकी वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा सत्र और बजट सत्र एक साथ होगा..
हालांकि इस बात पर अभी आखिरी फैसला नहीं लिया गया है पर सरकारी सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर आई है कि बजट सत्र और शीतकालीन सत्र एक साथ होगा..
जब सरकार को कोरोना को लेकर इतनी चिंता है तो उन किसानों की तरफ ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है जो बीते 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं. क्या उन्हें कोरोना का खतरा नहीं है??? या उन्होंने कोई विशेष तरह की जड़ी बूटी ले रखी है जिससे सरकार आश्वस्त है कि उन्हें कोरोना नहीं होगा..
सरकार के झूठे छलावे को अब जनता समझने लगी है.. जाने आने वाले दिनों में देश का और क्या होगा. !!