अभिजीत बनर्जी नोबल पुरस्कार समारोह में दिखे भारतीय पोशाक में
इंसान चाहे कितना भी बड़ा हो जाये अपना मूल रूप नहीं छोड़ता है| ऐसा ही देखने को मिला जब अभिजीत बनर्जी नावेल पुरस्कार लेने गए तो भारतीय परंपरा के पोशाक में दिखाई दिए|
- बनर्जी की पत्नी एस्थर डुफ्लो भी पारंपरिक भारतीय परिधान साड़ी पहनकर पहुंचीं
- बनर्जी, डुफ्लो और माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र का नोबेल मिला है
- वैश्विक गरीबी कम करने के प्रयासों के लिए अवॉर्ड मिला
स्टॉकहोम (स्वीडन). भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (58) और पत्नी एस्थर डुफ्लो (47) मंगलवार को हुए नोबल पुरस्कार वितरण समारोह में पारंपरिक भारतीय परिधानों में पहुंचे। बनर्जी ने कुर्ते के साथ सुनहरे बॉर्डर वाली सफेद धोती और काले रंग का बंद गले का कोट पहना था। वही साथ में डुफ्लो हरे रंग की साड़ी में थीं। उन्होंने ब्लाउज से मैच करती लाल रंग की बिंदी लगा रखी थी। अर्थशास्त्र का नोबेल इस साल बनर्जी, डुफ्लो और माइकल क्रेमर (54) को संयुक्त रूप से मिला है। अक्टूबर में इन पुरस्कारों की घोषणा हुई थी।
'बनर्जी, डुफ्लो, क्रेमर के प्रयोगों से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स को पूरी तरह बदला'
बनर्जी और डुफ्लो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में प्रोफेसर हैं। क्रेमर भी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। दुनियाभर में गरीबी कम करने के प्रयासों के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है । नोबेल प्राइज कमेटी का कहना है कि बीते दो दशक में ही बनर्जी, डुफ्लो और क्रेमर के नए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स पूरी तरह बदल गया।
अभिजीत बनर्जी 21 फरवरी 1961 में मुंबई में जन्मे थे, लेकिन कलकत्ता में पले-बढ़े। हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता और जेएनयू से हुई। 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की थी। अभिजीत की पहली शादी एमआईटी की प्रोफेसर डॉ. अरुंधति बनर्जी से हुई थी, लेकिन 1991 में तलाक हो गया था।