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लकड़ी काटने की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी, वन विभाग की लापरवाही आई सामने

वन विभाग की टीम ने जब उन्हें रोका तो वे रुके नहीं। इस बात पर वन विभाग के कर्मचारियों को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें एक युवक की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में भर्ती हैं।

भोपाल:

बीती रात विदिशा के लटेरी ही में वन विभाग की गश्ती दल द्वारा की गई फायरिंग में युवक की मौत हो गई। दरअसल लटेरी में देर रात को वन विभाग की टीम जंगल में गश्त कर रही थी। इसी दौरान वरवटपुरा के पास बाइक सवार लकड़ी चुरा कर ले जा रहे थे। वन विभाग की टीम ने जब उन्हें रोका तो वे रुके नहीं। इस बात पर वन विभाग के कर्मचारियों को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें एक युवक की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में भर्ती हैं।

आखों देखी हाल बताता पीड़ित

राजेंद्र सिंह ने बताया कि वे लोग मंगलवार को लकड़ी काट के अपने घर की ओर जा रहे थे, तभी खट्टेपुरे गांव के पास वन विभाग वाले मिल गए। उन्होंने ना कोई पूछताछ की न कुछ बोला और सीधे फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें हमारे एक साथी की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और वे अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ित ने बताया कि लकड़ी काटकर घर की ओर जाने वाले करीब 8 लोग थे।

गांव वाले मजबूर, आर्थिक परेशानी से जूझ रहे ग्रामीण

पीड़ित राजेंद्र सिंह ने बताया कि उसके गांव में सूखे जैसे हालात हैं, बड़ी मुश्किल से गुजर बसर हो रहा है। इसीलिए वे जंगल से लकड़ी काटकर अपने जीवन का गुजर-बसर कर रहे थे। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि लकड़ी काटने की इतनी बड़ी सजा उन्हें मिलेगी और वन विभाग उन पर फायरिंग कर देगा।

गृहमंत्री ने दिया जांच का आदेश

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लटेरी की घटना पर कहा कि ये दुखद घटना है, मुख्यमंत्री जी ने मामले के न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। मृतक के परिजन को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और घायलों को 5 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही संबंधित अधिकारी को सस्पेंड करने की कार्रवाई कर दी गई है और 302 के तहत मामला भी दर्ज किया गया है।

वन विभाग के अधिकारी सस्पेंड

गोलीकांड के इस मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल संबंधित अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने गृह विभाग से इस पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच के साथ स्पष्टीकरण मांगा है।

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