पेट्रोल-डीज़ल और गैस के बाद अब सब्जियों के दाम आसमान पर, रसोई का बिगड़ा बजट
पेट्रोल-डीज़ल और गैस के बाद अब सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए है। सब्जियों के महंगे होने का कारण पिछली बारिश में फसलें नष्ट होना माना जा रहा है। ऐसे में रसोई का बजट और बिगड़ रहा है।
पिछले कुछ दिनों में फल सब्जियों की आवक बढ़ी है। आवक बढऩे से माना जा रहा था कि इससे दामों में कमी आएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गर्मी आते ही बढ़े फल-सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं।
सामान्य सब्जियों के दाम 50 से 60 रुपए किलो हो गए है। जहां कुछ दिनों पूर्व टमाटर 10 रुपए किलो थे अब 20 से 30 रुपए किलो है। वहीं हरी मिर्च 100 -120 रुपए किलो बिक रही है।
बता दे कि बढ़ती मंहगाई के दौर में दाल, सब्जी व दैनिक दिनचर्या की चीजों के दामों में बढ़ोतरी से आमजन परेशान है। ऐसे में सब्जियां आम आदमी की पहुंच से दूर हो रही है। सब्जी के बढ़े दामों से परेशान ग्रामीण उपभोक्तओं ने अपने घरों के आस-पास खुद की सब्जियां उगाकर खाना शुरू कर दिया है लेकिन शहरी आमजन मंहगी सब्जी खरीद कर खाने को मजबूर है।
हालात यह है कि उपभोक्ताओं का बजट भी बिगड़ रहा है।
सब्जी के भाव प्रति किलो ग्राम
- रस्सलों 100
- हरी मिर्च 100
- लेहसून ८0
- कठल 80
- करेला 80
- बरबटी 60
- अदरक 50
- भिंडी 50
- सेमी 40
- गोभी 40
- ककड़ी 30
- लाल भाजी 30
- आलू 20
- प्याज 20
- टमाटर 20
- पालक 20
- बैंगन 20
- लोकी 20