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Damoh: बसपा विधायक ने बताया घूस का पैकेज, बोलीं-आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है

  • MP के पथरिया से बसपा विधायक हैं रामबाई
  • बताया कि घूस का पैकेज क्या होना चाहिए
  • आटे में नमक बराबर चलती हैं रिश्वत

भोपाल/अंजली कुशवाह: राजधानी भोपाल में aiims के डिप्टी डायरेक्टर पर हाल ही में रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई द्वारा कार्यवाही की गयी हैं. लेकिन इसी बीच मध्यप्रदेश के पथरिया से बसपा विधायक रामबाई द्वारा रिश्वत पर नसीहत देने का मामला सामने आया हैं. मिली जानकारी के अनुसार विधायक रामबाई ने बताया घूस का पैकेज क्या होना चाहिए. उन्होंने दमोह में कहा एक हजार रुपए तक की रिश्वत लेने में कोई बुराई नहीं है. आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है.हम भी यह बात समझते हैं. हजार-पांच सौ की घूस लेना समझ में आता है, लेकिन 10 हजार लेना गलत है. हमें पता है कि सब कुछ 'अंधेर नगरी चौपट राजा' चल रहा है, लेकिन इतना भ्रष्टाचार ठीक नहीं.

रोजगार सहायक और सचिव की शिकायत लेकर गए थे ग्रामीणजन

मिली जानकारी के अनुसार विधायक रामबाई के पास कुछ रोज पहले सतऊआ गांव के लोग रोजगार सहायक और सचिव की शिकायत लेकर पहुंचे थे. ग्रामीणजनो का आरोप था कि PM आवास के नाम पर सहायक और सचिव हजारों रुपए वसूल रहे हैं. विधायक रामबाई रविवार शाम सतऊआ पहुंचीं और उन्होंने इसके लिए जन चौपाल लगाई. इसमें रोजगार सहायक निरंजन तिवारी और सचिव नारायण चौबे को भी बुलाया गया.

विधायक ने कहा- थोड़ा बहुत तो चलता है

ग्रामीणों ने विधायक के सामने ही सहायक और सचिव पर वसूली के आरोप लगाए. किसी ने 5 हजार तो किसी ने 8 हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक लेने की बात कही. शिकायत सुन विधायक ने कहा कि थोड़ा बहुत तो चलता है, लेकिन हजारों रुपए किसी गरीब से ले लेना गलत है. यदि 1 हजार रुपए भी ले लेते तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन सवा लाख के घर में 5 से 10 हजार (रिश्वत) लेना बहुत गलत है.

विधायक ने रोजगार सहायक से पूछा कि एक कुटीर(घर) कितने की बनती हैं. रोजगार सहायक ने कहा कि 1 लाख 20 हज़ार की. इसके बाद विधायक ने कहा कि यदि तुम्हारी बात की जाए तो तुम्हारे घर में 1 लाख 20 हज़ार रुपए का तुम्हारे घर पर शौचालय बना होगा और यहां गरीब सवा लाख में अपना पूरा घर बना रहे हैं. इसके बाद भी यदि आप उनसे 5 से 10 हजार लेंगे तो शर्म आनी चाहिए.

ग्रामीणों को जानकारी नहीं होती, बस करने लगते हैं शिकायत

इसके बाद में विधायक ने कर्मचारियों की शिकायत नहीं ली. उनका कहना था कि कुछ गलती तो ग्रामीणों की भी है. उन्हें जानकारी नहीं होती और बस शिकायत करने लगते हैं. कर्मचारियों से पैसे लेने की बात सामने आई थी. ग्रामीणों के पैसे वापस करने के लिए रोजगार सहायक और सचिव से कह दिया है.

बता दें कि दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट से 2018 में पहली बार विधायक बनी रामबाई सिंह परिहार पहले भी कई मुद्दों को लेकर सुर्खियों में रही है. रामबाई पहले बीएसपी की विधायक थीं. फिर पार्टी से निष्कासित होने के बाद अब निर्दलीय विधायक हैं. MP में बढ़ते हुए भ्रष्टाचार पर पथरिया से बसपा विधायक रामबाई जैसे लोग भी शामिल हैं. अब आगे देखना होगा कि इस मामले पर सपा पार्टी और विपक्ष पार्टियों की क्या प्रतिक्रिया सामने आएगी.

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