MP : 8 महीने के भीतर 31 हजार से ज़्यादा बच्चे मिले कुपोषित, भोपाल में ही 50 बच्चों की मौत
- बीते पांच साल में 2 लाख 90 हजार 882 कुपोषित बच्चें हुए भर्ती
- नेशनल रिहेब्लिटेशन सेंटर (एनआरसी) की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
- ज्यादा मौतें होने के पीछे बड़ी वजह है उसका रेफरल एनआरसी होना : डॉ. राजीव श्रीवास्तव
भोपाल : प्रदेश में बीते 8 महीने के भीतर 31 हजार 20 बच्चे कुपोषित मिले हैं और इनमें से 21 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। यह खुलासा नेशनल रिहेब्लिटेशन सेंटर (एनआरसी) की रिपोर्ट में हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, 1 प्रदेश के विभिन्न जिलों में संचालित 319 न्यूट्रीशन रिहेब्लिटेशन सेंटर्स में बीते पांच साल में 2 लाख 90 हजार 882 कुपोषित बच्चे भर्ती हुए हैं। इनमें से 39 जिलों की एनआरसी में इस दौरान 199 बच्चों की मौत हुई है।
प्रदेश में संचालित 319 एनआरसी का डाटा देखें तो बीते पांच साल में राजधानी भोपाल में कुपोषण से 50 बच्चों की मौत हुई। इनमें भी 49 ऐसे हैं, जिनका इलाज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चल रहा था। जबकि बीते 8 महीनों की बात करे तो सबसे ज्यादा 7 मौतें सागर में हुईं। इंदौर और भोपाल जैसे महानगरों में भी कुपोषण व्याप्त है और यहां क्रमश: 3 और 2 बच्चों की मौत इसी दौरान हुई है। इन बच्चों का इलाज पोषण पुनर्वास केंद्र में चल रहा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में रोज औसतन 113 नए कुपोषित बच्चे मिले थे, जो अब 87 हो गया है। भोपाल में इस साल 462 बच्चे छह पोषण पुनर्वास केंद्रों में इलाज के लिए भर्ती हुए। इनमें से 81 को इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया। एम्स में खुले पोषण पुनर्वास केंद्र में 2 बच्चों की मौत हुई, बीते साल यह आंकड़ा 9 था।
नेशनल हेल्थ मिशन मप्र के शिशु स्वास्थ्य पोषण में डिप्टी डायरेक्टर डॉ. राजीव श्रीवास्तव के मुताबिक एम्स में ज्यादा मौतें होने के पीछे बड़ी वजह है उसका रेफरल एनआरसी होना। यहां दूसरे जिलों के गंभीर कुपोषित बच्चे भर्ती होते हैं। इन्हें कुपोषण के साथ अन्य बीमारियां भी होती हैं। हालांकि, 2 महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों की मानें तो कुपोषित बच्चों की मौत का आंकड़ा पिछले साल की तुलना में कम है। 2020 में 41 हजार 398 बच्चे कुपोषित मिले थे, जबकि 46 ने दम तोड़ा था। इनमें भी 45 सिर्फ 15 जिलों के थे।
जानें किस साल-कितने कुपोषित
साल भर्ती बच्चे मौत
2017 745 23 27
2018 622 88 44
2019 814 23 61
2020 413 98 46
2021 312 49 21