MP : नहीं थम रहीं रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी… ऐसे करे इसके असली होने की पहचान
मध्यप्रदेश/इंदौर/भोपाल – कोरोना की दूसरी लहर के बीच जीवन रक्षक माने जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी बढ़ गई हैं। पिछले दिनों में इंदौर में ही नकली इंजेक्शन से मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार को ही एक युवक शीशी में ग्लूकोज का पानी भरकर उसे असली इंजेक्शन बताकर 20 हजार रुपए तक में बेचते पकड़ा गया था। इसके साथ ही, जबलपुर, रतलाम और भोपाल से भी ऐसी खबरें आई हैं। यही नहीं, उज्जैन और जबलपुर में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नर्सिंग स्टाफ नकली इंजेक्शन मरीज को लगाकर असली बचा लेते थे।
अब सवाल ये उठता है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के असली होने की पहचान कैसे की जाए। तो आइये हम आपको बताते है कि असली इंजेक्शन की पहचान कैसे की जाए।
असली रेमडिसिविर की पहचान
- सिर्फ पाउडर फॉर्म में ही यह इंजेक्शन मिलता हैं।
- कांच की शीशी बहुत ही हल्की होती हैं।
- बॉक्स के पीछे बारकोड बने होते हैं।
- सभी इंजेक्शन 2021 के ही बने हुए हैं, जिसका माल वर्तमान में आ रहा हैं।
- 100 मिलीग्राम की क्वांटिटी बॉक्स और बोतल पर लिखी रहती है, जिसे एक बार में ही उपयोग में लाया जा सकता हैं।
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बता दे कि आईपीएस मोनिका भारद्वाज ने भी जागरुकता के लिहाज से सोशल मीडिया पर इंजेक्शन की पहचान को लेकर ट्वीट किया हैं। ये सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं।