मध्यप्रदेश/ पाइपलाइन और सीवेज की खुदाई से शाहपुरा और त्रिलंगा में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर
भोपाल के रहवासी 2200 गुना ज्यादा प्रदूषित हवा लेने को मजबूर
शाहपुरा, त्रिलंगा, मनीषा मार्केट और 1100 क़्वाटर्स सबसे ज्यादा प्रदूषित
भोपाल(bhopal) : शाहपुरा और त्रिलंगा में इस समय प्रदूषण का स्तर इस हद तक बढ़ गया है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है। वहां के रहवासी इस समस्या से काफी परेशान हैं। इसके अलावा 1100 क़्वाटर्स और मनीषा(manisha) मार्केट के लोग भी धूल से परेशान हैं। वहां के रहवासी बताते हैं कि जब कोई स्कूल बस या कॉलेज बस गुजरती है तो धूल का गुब्बारा लग जाता है 5 से 6 मिनट तक हवा प्रदूषित रहती है। वहां के निवासियों को डस्ट एलर्जी का समना करना पड़ रहा है। इन सारी जगहों पर पाइपलाइन और सीवेज का काम चल रहा है और अगर बस या कोई और बड़ी गाड़ी उस रास्ते से गुजर गयी तो धूल का गुब्बारा लग जाता है। शाहपुरा और त्रिलंगा के रेस्टाँ, चाय की दुकान वाले और होटल संचालक सभी परेशान हैं।
रहवासी कह रहे हैं कि सीवेज और पाइपलाइन की खुदाई के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसी वजह से ये साडी समस्या आ रही है। इसका कोई उपाय भी नहीं निकाल रहा है। पर्यावरणविद सुभाष चंद्र पांडे कहते हैं कि सड़क के किनारे से सटे रहवासी एवं दुकानदार 2200 गुना प्रदूषित हवा लेने को मजबूर हैं, इससे इनके फेफड़ों में समस्या आ सकती है।
इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? नगर निगम या जिसने कॉन्ट्रैक्ट लिया है या सरकार जो हर चीज को अनदेखा कर देती है। अगर वहां के रहवासी बीमार पड़ रहे हैं तो इसका जिम्मेदार तो सीधे तौर पर नगर निगम अधिकारी और सरकार ही है जो इस तरह बढ़ते प्रदूषण को देख भी नहीं पा रही है या देख कर अनदेखा कर रही है।