केरल : केरल में जीका वायरस संक्रमण के मामले शुक्रवार को 14 हो गए। राष्ट्रीय विषाणु संस्थान ने 13 और मामलों की पुष्टि की। इसके बाद प्रदेश को सतर्क कर दिया गया हैं। राज्य सरकार के अनुसार, संस्थान में जांच के लिये 19 नमूने भेजे गये थे जिनमें से 13 में जीका वायरस की पुष्टि हुई हैं। इसके लक्षण डेंगू की तरह है, जिसमें बुखार, चकत्ते के अलावा जोड़ों में दर्द होता हैं।
बता दे कि केरल में बृहस्पतिवार को 24 साल की गर्भवती महिला में मच्छर जनित इस बीमारी की पुष्टि हुई थी। यह प्रदेश में जीका वायरस का पहला मामला था। वहीं, केरल में जीका वायरस की स्थिति पर नजर रखने और मामलों के प्रबंधन में राज्य सरकार को सहयोग देने के लिए विशेषज्ञों का छह सदस्यीय केंद्रीय दल दक्षिणी राज्य के लिए रवाना हुआ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार यह जानकारी दी।
इधर, प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि जीका संक्रमण की रोक थाम के लिये कार्रवाई योजना तैयार की गई हैं।
देश में कोरोना, ब्लैक और वाइट फंगस के बाद अब एक नए वायरस जीका वायरस (Zika Virus) की एंट्री हो गई हैं। इस वायरस की पहली पुष्टि केरल में की गई हैं। खास बात ये है कि वर्तमान मे जीका वायरस के लिए कोई टीका या इलाज नहीं हैं। इस वायरस को सबसे पहले 1947 में युगांडा के जीका जंगल में पाया गया था।
ये है जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस के लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता और सिरदर्द शामिल हैं। यह वायरस एडीज प्रजाति के मच्छरों से फैलता हैं। जो पूरे राज्य में उच्च घनत्व में पाए जाते हैं। एडीज मच्छर, जो डेंगू के वाहक भी हैं। ठहरे हुए मीठे पानी में प्रजनन करते हैं और ज्यादातर घर के अंदर रहते हैं।