युवराज सिंह का टीम प्रबंधक पर फूटा गुस्सा, बताया क्यों लेना पड़ा संन्यास ?
युवराज सिंह ने टीम प्रबंधक पर साधा निशाना
मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि 8-9 मुकाबलों में से 2 में 'मैन ऑफ द मैच' रहने के बावजूद मुझे ड्रॉप कर दिया जाएगा : युवराज सिंह
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी युवराज सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के लगभग 4 महीने बाद बताया है कि आखिर उन्हें क्यों संन्यास लेना पड़ा | उन्होंने मीडिया को बताया कि भारतीय टीम प्रबंधन ने उनके सामने लगातार नई चुनौतियां रख दीं | युवराज ने अफसोस जताते हुए कहा कि कोई भी उनके साथ नहीं बैठा और न ही टीम की योजनाओं से उन्हें अवगत कराया गया | उन्होंने कि मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि 8-9 मुकाबलों में से 2 में 'मैन ऑफ द मैच' रहने के बावजूद मुझे ड्रॉप कर दिया जाएगा |
मैं चोटिल हो गया और मुझे बताया गया था कि श्रीलंका सीरीज के लिए तैयार रहें, फिर अचानक यो-यो टेस्ट की तस्वीर सामने आई | मेरे चयन में यह यू-टर्न था | 36 साल की उम्र में अचानक मुझे वापस जाना पड़ा और यो-यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी | इसके बाद भी जब मैंने यो-यो टेस्ट को क्लियर कर लिया था, तब मुझे घरेलू क्रिकेट खेलना है | युवराज सिंह का कहना रहा है कि टीम प्रबंधन को ऐसा लगा था कि मैं अपनी उम्र की वजह से यो-यो टेस्ट क्लियर नहीं कर सकूंगा और इसके बाद मुझे निकालने में उन्हें आसानी होगी | हां, आप कह सकते हैं कि यह एक प्रकार का बहाना था |
इसके अलावा, युवराज सिंह का कहना यह भी रहा कि खेल के अंतिम दिनों में वरिष्ठ खिलाड़ियों- (वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान का नाम लिया) इनको टीम प्रबंधन ने विश्वास में नहीं लिया | हर खिलाड़ी को उसके भविष्य के बारे में बताना चाहिए, मुझे भी नहीं बताया गया | यही चीज भारतीय क्रिकेट में नहीं होती है |
युवराज सिंह का कहना है कि जो भी इन्चार्ज है, उसे खिलाड़ियों के साथ बैठकर बताना चाहिए कि अब हम युवा खिलाड़ियों की ओर देख रहे हैं और हमने यह फैसला ले लिया है | इस प्रकार शुरुआत में शायद आपको इसका बुरा लग जाए, लेकिन कम से कम आप इतना तो उन्हें श्रेय दे सकते हैं कि उन्होंने आपके मुंह पर सच बोला था- जो भारतीय क्रिकेट में बिल्कुल नहीं हो रहा है | इसके बावजूद युवराज ने कहा कि उन्हें खेल से संन्यास लेने के समय को लेकर कोई पछतावा नहीं है |